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रुद्रपुर: चिडियों के मरने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने से 5जी टेस्टिंग पर उठ रहे सवाल

लखनऊ। सोशल मीडिया पर कुछ चिड़ियों के मरने का फोटो वायरल होना चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसने पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर 5जी टेस्टिंग की चर्चाओं को गर्म कर दिया है। वहीं कई लोगों ने इस टेस्टिंग को बंद करने की मुहिम भी छेड़ रखी है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से जिस प्रकार देश में कोविड-19 के खतरनाक परिणाम सामने आ रहे हैं और तमाम संक्रमित अपनी जिंदगी भी गंवा रहे हैं। वहीं सोशल मीडियां पर यह परिणाम 5जी टेस्टिंग के कारण माने जा रहे हैं और मौतों का आंकड़ा बढ़ने और लोगों की प्रतिरोधक क्षमता पर घातक वार कर बीमार करने का जिम्मेदार मान रहे हैं।

जिसको लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस भी छिड़ी हुई है। वहीं लोगों ने 5जी टेस्टिंग को बंद करने और केंद्र व राज्य सरकारों से इसकी तह तक जाने और दोषी कंपनियों के विरुद्व कार्रवाई की मुहिम भी छेड़ रखी है। साथ ही लोगों को एकजुट कर विरोध करने का अभियान भी चल रहा है। मामले में वैज्ञानिक भी बिना जांच कर कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं।

इसी बीच रविवार की सुबह को सोशल साइटों पर जमीन पर मरी पड़ी दर्जनों चिडियों की फोटो वायरल हुई है। जोकि शहर एक वार्ड की बताई जा रही है। जिसमें 5जी टेस्टिंग पर सवाल उठाते हुए इसे बंद करने की मांग उठ रही है।

इस संबंध में जब पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से बात की तो उन्होंने बताया कि मोबाइल टांवरों से रेडिएशन तो घातक होती है, लेकिन वायरल फोटो में चिड़ियों के मौत के कारणों को बिना पोस्टमार्टम के पुष्टि नहीं की जा सकती है। चिडियों के मरने के कई कारण भी हो सकते हैं। जोकि जांच के बाद ही पता चल सकेगा।

वहीं, वन संरक्षक पश्चिमी तराई वन जीवन चंद्र जोशी ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि हो सकता है चिड़ियों ने कुछ बड़ी चीज खाई हो या किसी खेत मे पड़े पेस्टिसाइड का सेवन कर लिया हो, जोकि जांच के बाद ही पता चल सकेगा।

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