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401वां प्रकाश पर्व: गुरु तेग बहादुर ने बलिदान देकर की थी कश्मीरी पण्डितों की रक्षा

लखनऊ। राजधानी के नाका हिंडोला स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी, गुरू सिंह सभा में सिखों के नौवें गरु श्री गुरु तेग बहादुर जी का 401वां प्रकाश पर्व 21 अपैल यानी की गुरुवार के दिन बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जायेगा। यह जानकारी श्री गुरू सिंह सभा कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह ने दी है।

कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी महराज एक क्रांतिकारी युग पुरुष थे, उन्होंने अपना बलिदान देकर कश्मीरी पंडितों के अधिकारों को बचाया था। उन्होंने बताया कि यह वह दौर था जब देश में औरंगजेब का अत्याचार चरम पर था, कश्मीरी पंडित भयभीत थे, औरगंजेब जबरन कश्मीरी पंडितों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए दबाव बना रहा था,कोई रास्ता न देख कश्मीरी पंडित श्री गुरु तेग बहादुर जी के पास पहुंचे और सनातन धर्म को बचाने की गुहार लगायी।

जिसके बाद श्री गुरु तेग बहादुर जी महराज ने कश्मीरी पंडितों से कहा कि शासक तक यह संदेश भेज दो कि जब हमारे गुरू तेग बहादुर इस्लाम ग्रहण कर लेंगे,तो हम भी ग्रहण कर लेंगे। तब औरंगजेब ने गुरू व उनके पांच सहयोगियों को दिल्ली बुलवाया और कई प्रलोभन दिये,बात न मानने पर यातनाएं दी गयी।

बताया जा रहा है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी महराज साल 1675 में 11 नवंबर के दिन चांदनी चौक पर अपनी कुर्बानी दे दी। वहीं श्री गुरु तेग बहादुर जी महराज के साथ गये सहयोगियों को पहले ही धर्मपरिवर्तन न करने पर श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीद होने से पहले औरंगजेब ने मरवा डाला था।

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