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हनीट्रैप के जाल में फंसाकर मारी गई थी वीरेंद्र ठाकुर को गोली

लखनऊ। राजधानी के चारबाग जंक्शन के बाहर 2 जुलाई को बाइक सवार बदमाशों ने विरेन्द्र ठाकुर को गोली मारकर फरार हो गये थे। जिसके बाद ही जीआरपी पुलिस ने घायल की पत्नी प्रियंका ठाकुर की तहरीर पर मामला दर्ज कर जांच कर रही थी और एक हफ्ते के अंदर ही सीडीआर की मदद से घटना का खुलासा करते हुए साजिशकर्ता को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी भी पुलिस के हाथ मुख्य आरेपी से दूर हैं जिनको जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया है। जिसमें बताया गया है कि साजिशकर्ता महिलाओं को कलकत्ता से और दोनों युवकों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है।

जीआरपी अधिकारी ने बताया कि पूरी घटना हनीट्रैप के जरिये की गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि घायल विरेन्द्र ठाकुर शातिर किस्म का अपराधी है और उसका बिहार में एक पार्किंग का ठेका है जिसको वो अपने रिश्तेदारों से दबंगई के बल पर चलवाता है। जिसको आरोपी लोग अपने कब्जे में लेना चाह रहे थे जिसके चलते ही घटना को अंजाम दिया गया है। इस घटना को अंजाम देने के लिए मुख्य आरोपियों ने दो महिलाओं का सहारा लेकर पहले तो विरेन्द्र को प्यार के जाल में फंसाया और घटना को अंजाम देने के लिए उन महिलाओं के जरिए ही चारबाग बुलाया और घटना को अंजाम देकर महिलाओं को कलकत्ता के लिए रवाना कर दिया।

उन्होंने बताया कि पकड़े गये आरोपी मिराजुद्दीन, मिराज, खातून और माही हैं जो घटना के साजिशकर्ता हैं। लेकिन अभी जो मुख्य आरोपी हैं फिरदोस और मिक्ताउल अभी फरार हैं जिनकी लगातार तलाश की जा रही है। साथ ही बताया है कि फरार आरोपी इंट्रीगल यूनीवर्सिटी से पढ़ाई किये हैं और वहीं से अपराध की शुरूआत किये हैं। साथ ही कहा कि फरार आरोपियों पर लखनऊ के गुड़म्बा थाने में भी कई अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं और वहां से वो फरार चल रहे हैं।

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