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सड़क सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से हो अनुपालन: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से अनुपालन करने के साथ स्टन्ट करने वालों को हर हाल में रोकने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। श्री योगी ने आज यहां लोक भवन में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए। यातातयत के नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई की जाये । उन्होंने सड़क सुरक्षा और मार्ग दुर्घटनाओं के नियंत्रण के सम्बन्ध में परिवहन विभाग को प्रत्येक माह सभी विभागों के साथ समन्वय करते हुए समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि इन मासिक समीक्षा बैठकों में निर्णयों के अनुपालन की प्रगति की जानकारी से उनके कार्यालय को अवगत कराया जाए। साथ ही, जिन विभागों द्वारा निर्णयों को लागू करने में रुचि नहीं ली जा रही,

उनकी भी जानकारी प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही को गम्भीरता से लिया जाएगा। उन्होंने सड़क निर्माण से जुड़ी सभी एजेंसियों, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई आदि से दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में दुर्घटना रोकने के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़क निर्माण के सम्बन्ध में नोडल विभाग है। यह विभाग सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभागों को सड़क सुरक्षा के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराए। उन्होंने सड़कों के जंक्शन पर ओवर स्पीडिंग को कम करने के उपाय किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि पिछले वर्षों की दुर्घटनाओं के आंकड़ों के आधार पर चिन्हित ब्लैक स्पाॅट्स का ऑडिट तथा आईआरसी के मानक के अनुसार सुधारात्मक कार्रवाई की जाए।

सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जांच की जाए। जिन ब्लैक स्पाॅट्स पर दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति हुई है, उनका विशेष सेफ्टी ऑडिट करते हुए सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित किए जाएं। साथ ही, रोड मार्किंग एवं जेब्रा क्राॅसिंग का निर्माण आवश्यकतानुसार कराया जाए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कडी कार्रवाईकी जाय । साथ ही बगैर हेलमेट के दोपहिया वाहनों को पेट्रोल की आपूर्ति न किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिक तेज वाहन चलाने वालों के साथ-साथ हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों की मीटिंग बुलाकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अवगत कराएं,

जिससे बच्चों और अभिभावकों को जानकारी मिले और उनमें जागरूकता आए। सड़क सुरक्षा से जुड़े बिन्दुओं का पैम्फलेट तैयार कर विद्यालयों में वितरित किया जाए। अभिभावकों को चाहिए कि वह कम उम्र के बच्चों को दोपहिया वाहन चलाने के लिए न दें। योगी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले व्यक्ति को निकटतम अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। जिन मार्गों पर ब्लैक स्पाॅट की संख्या अधिक है, उन पर एम्बुलेंस की व्यवस्था तथा मार्ग पर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सीएचसी को सुदृढ़ किया जाए तथा वहां के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। एनएचएआई, यूपीडा, उपशा, यीडा की एम्बुलेंसेज को 108 एम्बुलेंस सेवा से जोड़ा जाए।उन्होंने प्रत्येक जिले में ओवर स्पीडिंग की जांच के लिए स्पीड राडार एवं पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वाहनों की गति सीमा को निर्धारित किया जाए तथा उसके बोर्ड स्थापित किए जाएं। ड्रंकेन ड्राइविंग करने वाले चालकों की सघन चेकिंग ब्रेथ एनालाइजर के माध्यम से की जाए।

सड़क के किनारे खड़े किए जाने वाले वाहनों के मालिकों और अवैध ढाबों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।  मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेस-वे तथा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे एवं टोल प्लाजा पर जन सुविधाओं को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुविधाएं पेट्रोल पम्प पर भी उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस, परिवहन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।मुख्यमंत्री ने स्कूली वाहनों की फिटनेस, उनके परमिट और चालकों की फिटनेस को सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी मार्गों पर यातायात नियंत्रण सम्बन्धी साइन बोर्ड को प्राथमिकता के आधार पर लगाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण वाहन चालकों की लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और शराब पीकर वाहन चलाना प्रमुख है।

उन्होंने चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने के भी निर्देश दिए।योगी ने एक्सप्रेस-वे और राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण इन पर सजग पेट्रोलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने लोगों में सुरक्षा का भाव और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के सामान्य नियमों की जानकारी और अनुपालन से बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। इसलिए सड़क सुरक्षा और यातायात के नियमों के सम्बन्ध में आम नागरिक को जागरूक किया जाना आवश्यक है।

बैठक के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला ने मुख्यमंत्री को गत 20 नवम्बर, 2018 को सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन सम्बन्ध में विभागवार विस्तृत रूप से अवगत कराया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह तथा परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह, डी0जी0पी0 ओ0पी0 सिंह, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण, सूचना निदेशक शिशिर सहित सभी सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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