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स्वाइन फ्लू ने ली डॉ. वंदना शर्मा की बहन की जान, एसआरएमएस में ली अंतिम सांस

बरेली। बरेली कालेज की चीफ प्रॉक्टर डा. वंदना शर्मा की छोटी बहन डॉ. विवेक शर्मा डिंपल की आज स्वाइन फ्लू से मौत हो गई। वह १२ दिनों से एसआरएमएस में भर्ती थीं। इलाज के बावजूद डाक्टर उनको बचा नहीं सके। तड़के तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह मिलक रामपुर में सब रजिस्ट्रार के पद पर तैनात थीं। कुछ महीने पहले ही वह बिसौली से यहां तबादले पर आई थीं। मृदुभाषी डिम्पल तीन बहनों में मंझली थीं। उनकी छोटी बहन बरखा शर्मा का पहले ही निधन हो चुका है। डिम्पल के पति शशिकांत तिवारी अधिवक्ता हैं। वह एक बेटी सफलता की मां थीं। उनके निधन की सूचना से परिजनों व शुभचिंतकों में शोक की लहर है। लोगों को भरोसा ही नहीं हो पा रहा कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहीं। स्वाइन फ्लू की शुरुआत तो मामूली बुखार से ही होती है लेकिन हालत बिगडने पर मरीज की जान पर बन आती है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसका वायरस हवा से फैलता है। इसलिए सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।

खास कर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की जरुरत है। यह वायरस खांसने, छींकने, थूंकने से भी हवा में घुल जाता है। स्वाइन फ्लू होने पर मरीज की नाक लगातार बहने लगती है। बार-बार छींक आती है। सीने में कफ, जम जाता है। बार-बार खांसी भी आती है। मांस पेशियों में दर्द या अकडन रहती है। बुखार के साथ सिर में तेज दर्द होता है। मरीज को आसानी से नींद नहीं आती। थकान भी ज्यादा महसूस होती है। गले में खराश भी रहती है। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। खांसी, छींक आने पर रूमाल या ट्श्यिू पेपर का इस्तेमाल करें। इस्तेमाल किए मास्क या ट्श्यिू पेपर को डस्टबीन में ही डालें। हाथों को साबुन और पानी से हर बार धोएं। हाथ मिलाने, गले लगने से बचें। लक्षण दिखते ही डॉक्टर से तुरंत चेकअप कराएं। फ्लू के लक्षण दिखने पर कोशिश करें कि घर से बाहर ज्यादा न निकलें। ऑफिस, बाजार और स्कूल न जाएं। बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह ना छुएं।

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