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सर्दियों के मौसम में दिल को रखना है हेल्दी तो खान-पान में बरतें ये सावधानी

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा व्यायाम और अच्छा खानपान दोनों ही जरूरी हैं। इससे आपका दिल तंदुरुस्त रहता है और आपकी उम्र भी लंबी हो सकती है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान सुझाव हैं जिन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग कर इसका लाभ उठाया जा सकता है। सर्दियों के मौसम में दिल के मरीजों की समस्याएं बढ़ जाती हैं जिन्हें पूरा ध्यान अपने स्वास्थ्य पर केंंद्रित रखना चाहिए। बाजार में मिलने वाले अधिकतर खाने की वस्तुओं में अच्छा पौष्टिक तेल नहीं होता। इस कारण इनका उपभोग कम से कम करना चाहिए। चीनी एवं मैदे का उपयोग कम से कम करना चाहिए और भोजन में पौष्टिक तत्व जैसे सूखे मेवे, हरी सब्जियां इत्यादि का उपयोग बढ़ा देना चाहिए। जहां तक हो सके, ताजा खाना खाने की चेष्टा करें, क्योंकि पहले से निर्मित किये भोजन में कई हानिकारक पदार्थ होते हैं। ये भोजन का स्वाद ठीक बनाए रखने के लिए डाले जाते हैं।
भोजन की मात्रा पर ध्यान दें: मोटापे से रक्तचाप बढ़ता है और फिर दिल की अनेक बीमारियां होने का सदैव अंदेशा रहता है इसलिए हमेशा अपने शरीर की जरूरत भर ही खाना खाएं। मैदा इत्यादि का सेवन कम करें। सब्जियां और फलों की मात्रा बढ़ाएं। घर के बाहर खाने में अक्सर मात्रा का अंदाजा नहीं लग पाता है।
अधिक तला-भुना खाना न खाएं: सब्जियों को अधिक तलकर या भून कर ना बनाएं। इन विधियों में तेल की खपत अधिक हाेती है जिससे मोटापा बढ़ता है। उबालकर या कम तेल में खाना बनाने की चेष्टा करें और जहां तक हो सके, हमेशा ताजा खाना खाएं।
फाइबर का अधिक सेवन करें: दिल की बीमारियों से बचने के लिए साबुत दालें-अनाज, सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर आदि में ना घुलने वाला फाइबर होता है। दलिया, सेम, लोभिया सूखे मेवे और फल जैसे सेब, नींबू, नाशपाती, अनानास आदि में घुलनशील फाइबर होते हैं।
अत: ऐसे भोज्य पदार्थ व फलों का सेवन करना चाहिए। फाइबर युक्त भोजन अधिक समय तक पेट में रहता है, जिसके कारण पेट भरा हुआ महसूस होता है और खाना भी कम खाया जाता है।
घर के खाने को दें प्राथमिकता: घर पर भोजन करना अधिक पौष्टिक होता हैं, क्योंकि आप स्वयं सब्जी, मसाले, चिकनाई एवं पकाने की विधि का चयन करते हैं।  आप खाने को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें विभिन्न प्रकार के मसाले डाल सकते हैं और नमक एवं चीनी जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा कम कर सकते हैं। घर के खाने में परिवार के सभी सदस्यों से सलाह एवं सहायता लेकर एक पारिवारिक गतिविधि का रूप दे सकते हैं।

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