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प्रवासी श्रमिकों को यात्रा करने वाले वाहनों पर होगी कार्यवाही



राहुल यादव, लखनऊ: 

प्रवासी कामगारों/ श्रमिकों से अपील की है कि वे स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। प्रदेश सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित करा रही है।

राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों/कामगारों को ट्रेन से प्रदेश में निःशुल्क ला रही है।  


मुख्यमंत्री आज लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।

राज्य में कोई प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल अथवा बाइक या ट्रक आदि अवैध तथा असुरक्षित वाहनों से न आने पाए।

यदि ऐसा पाया जाए तो वह अवैध वाहन को तत्काल जब्त करते हुए कानूनी कार्यवाही की जाए।

उन्होंने कहा कि पुलिस पैदल चलने वालों को जागरूक करते हुए इन्हें रोके।

उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।


प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को भोजन व पानी उपलब्ध कराया जाए।

इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए।

उन्होंने कहा कि बाॅर्डर क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी के निवर्तन पर 200 बस रखने के आदेश पहले ही दिए गये हैं तथा प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को बस से भेजने के लिए धनराशि भी स्वीकृत है।

मण्डियों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क और ग्लव्स अनिवार्य

लोग पैदल यात्रा न करें, इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि घर वापस आने वाले किसी भी प्रवासी कामगार/श्रमिक को कोई दिक्कत न हों।

इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


प्रवासी कामगारांे/श्रमिकों के लिए क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जाए।

इनमें साफ-सफाई तथा सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किए जाएं।

कम्युनिटी किचन के माध्यम से शुद्ध एवं पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की जाए।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि ग्रामीण व शहरी इलाकों में निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए।

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से इन समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाते हुए होम क्वारंटीन मंे रहने वाले प्रवासी कामगारों/श्रमिकों के निगरानी कार्य की जानकारी प्राप्त की जाए।

उन्होंने  लाॅकडाउन को पूरी सख्ती से लागू रखने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन सुचारू रूप से सतत कार्यशील रहे।

सोशल डिस्टेंसिंग के पालन पर बल देते हुए कहा कि किसी भी दशा में कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए।

 उद्योग-धन्धों को पूरे सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ संचालित करें – योगी आदित्यनाथ


मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल का पालन सुनिश्चित कराते हुए सभी मेडिकल काॅलेजों, नर्सिंग होम तथा अस्पतालों में मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं का संचालन कराया जाए। इस सम्बन्ध में यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सा टीम को संक्रमण से बचाव के बारे में प्रशिक्षित किया गया है तथा उनके लिए पी0पी0ई0 किट, एन-95 मास्क तथा सेनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक गांव में एक अल्ट्रारेड थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए।

टेस्टिंग क्षमता को इस सप्ताह तक बढ़ाकर 10,000 टेस्ट प्रतिदिन किया जाए।

वेंटीलेटर के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिक्स की उपलब्धता अवश्य हो।

उन्होंने कोविड अस्पतालों में 01 लाख बेड तैयार करने के निर्देश भी दिए।


मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री  द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सम्बन्धित विभाग पैकेज के प्राविधानों का अध्ययन करते हुए कार्ययोजना तैयार करे, ताकि प्रदेश को विशेष आर्थिक पैकेज का शत-प्रतिशत लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को विश्वास में लेकर, सोशल डिस्टेंसिंग तथा संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय लागू करते हुए ही औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए।


जल-जीवन मिशन में उपलब्ध सम्भावनाओं को चिन्हित करते हुए प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को रोजगार के वैकल्पिक अवसर उपलब्ध कराएंं।

इसी प्रकार निराश्रित गौवंश के लिए संचालित गौ-आश्रय स्थलों में भी रोजगार की व्यापक सम्भावनाएं हैं।

सरकार श्रमिकों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील, लापरवाही बर्दाश्त नहीं – योगी आदित्यनाथ

आने वाले समय में आयोजित होने वाले वृहद वृक्षारोपण अभियान के लिए पौधे तैयार किए जा रहे हैं।

गौ-आश्रय स्थलों के आर्थिक स्वावलम्बन की दृष्टि से गोबर से बनी कम्पोस्ट का उपयोग नर्सरियों में कराया जा सकता है।


इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री  सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री  जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्यमंत्री  अतुल गर्ग, मुख्य सचिव  आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त  आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह  अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व  रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव मित्तल, पुलिस महानिदेशक  हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा  रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  एस0पी0 गोयल तथा  संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0  नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद  निवेदिता शुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव श्रम  सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज  मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव पशुपालन  भुवनेश कुमार, सचिव मुख्यमंत्री  आलोक कुमार, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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