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लड़की नहीं, लड़के को जन्म देने वाली महिलाओं में डिप्रेशन का ज्यादा खतरा

प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव आते हैं। कई बार इस अवस्था में औरतें तनाव की स्थिति से भी गुजरने लगती हैं, ऐसे शारीरिक और मानसिक बदलाव के कारण होता है। डिप्रेशन की यह स्थिति डिलीवरी के बाद भी बनी रहती है। जिसकी संभावना लड़की से ज्यादा लड़के को जन्म देने वाली महिलाओं होती है।
71-79 प्रतिशत डिप्रेशन का ज्यादा खतरा
एक शोध को अनुसार, बेटे को जन्म देने वाली औरतों में डिप्रेशन होने का खतरा 71-79 प्रतिशत ज्यादा होता है। इस तरह के परिणाम यूनिवर्सिटी ऑफ केन्ट पोस्टनेटल डिप्रेशन (पीएनडी) पर की गई एक स्टडी में सामने आए हैं। डॉ सारा जोन्स और डॉ सारा मायर्स का इस बारे में कहना है कि लड़के को जन्म देते समय होने वाली जटिलताएं पोस्टनेटल डिप्रेशन के मुख्य फेक्टर्स हैं।
किया जा सकता है बचाव 
इस शोध में 296 महिलाओं की पूरी रिप्रोडक्टिव हिस्ट्री पर अध्ययन किया गया था और अध्ययन से पहले पीएनडी के बारे अस्पष्ट जानकारी थी। स्टडी में कहा गया कि अगर डॉक्टर इसके फेक्टर्स को पहचान कर गर्भवती महिलाओं को स्पोर्ट करें तो परेशानी के बढ़ने की संभावना बहुत हद तक कम हो सकती है।

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