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लखनऊ: पात्रों को काटकर अपात्रों को दिया जा रहा प्रधानमंत्री आवास

बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत परसऊ की अनीता पत्नी पप्पू रावत के परिवार में स्वीटी 9 वर्ष आकांक्षा 7वर्ष अर्पित 3वर्ष और अंश की उम्र महज डेढ़ वर्ष है। अनीता का नाम प्रधानमंत्री आवास की सूची में था।

लेकिन मनरेगा के ठेकेदार इंद्रजीत तथा ग्राम पंचायत अधिकारी के द्वारा झूठा आरोप लगाकर पात्र होते हुए भी काट दिया गया। आरोप लगाया गया है कि महिला के ससुर के पास तीन कमरे हैं। जबकि अनीता गरीब परिवार का 6 सदस्यीय परिवार कच्ची दीवार पर टीन डालकर रहने को मजबूर है। जो अब जर्जर अवस्था को प्राप्त हो गई है, तथा जगह जगह से टूट चुकी है।

अनीता ने बताया कि बारिश के मौसम में यदि रात में पानी गिरता है तो परिवार को छोटे-छोटे बच्चों के साथ रतजगा कर रात गुजारनी पड़ती है। और सांप बिच्छू के डर से रात रात जागकर परिवार को बचाती रहती हूं। क्योंकि बारिश का पानी लगातार जर्जर हो चुकी टीन से टपकता है।

परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य पप्पू जो मजदूरी करता है तहसील और खंड विकास अधिकारी की परिक्रमा करने को मजबूर है। कोविड-19 के चलते जब लोग घरों से नहीं निकल रहे थे लेकिन परिवार पालन के लिए पप्पू मजदूरी करने के लिए विवस था। वहीं इस परिवार को कभी पात्र तो कभी अपात्र बनाने का का खेल लगातार खेला जा रहा है। जबकि परिवार पात्र होते हुए अभी तक आवास हींन है।

सरकार द्वारा गरीबों को दिए जा रहे प्रधानमंत्री आवास से वंचित करने का यह नाटक लगातार जारी है। वहीं प्रश्न यह उठता है कि आवास विहीन यह परिवार कब तक इस दुर्दशा को झेलता रहेगा। और अपात्र लोगों को आवास देकर पात्रों को वंचित रखने का यह खेल कब तक चलता रहेगा।

फिलहाल परिवार के साथ आंख मिचौली का खेल चल रहा है। कब तक जारी रहेगा या तो फिलहाल वक्त ही बताएगा। इसी मामले से दुखी होकर पीड़िता ने यूपी के मुखिया मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई है। कि मोदी जी मुझे भी आवास चाहिए।

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