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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन – बिहार , बेबी रानी मौर्या – उत्तराखण्ड के साथ ही सतपाल मलिक जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल बनाए गए . सिक्किम, मेघालय , त्रिपुरा व हरियाणा में भी फेरबदल

लखनऊ: राष्ट्रपति ने बड़ा फेरबदल करते हुए कई राज्यों के राज्यपाल बदल दिए हैं। इनमें जम्मू कश्मीर और बिहार के अलावा हरियाणा, उत्तराखंड, सिक्किम, मेघालय और त्रिपुरा शामिल हैं। बिहार के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। सत्यपाल मलिक की जगह अब उत्तरप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल होंगे।चार राज्यपालों के राज्य बदलने के साथ ही तीन नए राज्यपाल को नियुक्त किया गया है। नए नियुक्त राज्यपालों में उत्तरप्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन, सत्यदेव नारायण राव और बेबी रानी मौर्य शामिल हैं। बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया। उत्तर प्रदेश की रहने वाली मौर्य भी भाजपा नेता हैं और महिला आयोग से जुड़ी हुई हैं।

उत्तराखंड में केके पाल का कार्यकाल समाप्त हो गया था। सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है और वहां के मौजूदा राज्यपाल तथागत राय को मेघालय भेज दिया गया है। जबकि मेघालय के मौजूदा राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है।

साढ़े तीन दशक बाद जम्मू को राजनीतिक राज्यपाल
गौरतलब है कि लगभग साढ़े तीन दशक बाद जम्मू-कश्मीर को राजनीतिज्ञ राज्यपाल मिला है। 1984 में जगमोहन के राज्यपाल बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में कभी किसी राजनीतिज्ञ को राज्यपाल नियुक्त नहीं किया गया। 31 अगस्त को 10 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे एनएन वोहरा खुद पूर्व नौकरशाह हैं। साढ़े तीन दशक बाद राजनीतिज्ञ को राज्यपाल नियुक्त कर केंद्र सरकार ने राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया को तेज करने का संकेत दिया है। लालकिले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री ने जल्द ही जम्मू-कश्मीर में पंचायतों और स्थानीय निकायों का चुनाव करने का ऐलान किया था। इससे निचले स्तर पर आम जनता को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा।

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सतपाल मलिक आतंकवाद और अलगाववाद से त्रस्त आम लोगों की आवाज को तवज्जो देंगे।

यह मेरे लिए अटल जी का आशीर्वाद : टंडन
बिहार के मनोनीत राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने मनोनयन की घोषणा के बाद मंगलवार की शाम कहा कि ये पद उनके लिए अटल जी का आशीर्वाद स्वरूप है। वे अगर आज जिंदा होते तो जरूर मेरे आवास पर आकर मेरे कंधे पर हाथ रख कर बधाई देते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसको हरसंभव तरीके से निभाउंगा। बिहार में सुशासन के लिए चल रहे अभियान में नीतीश कुमार सरकार को पूरा सहयोग करूंगा। घोषणा के बाद टंडन के त्रिलोकनाथ रोड स्थित सरकारी आवास पर लोगों का जुटना शुरू हो गया। शाम करीब 8:00 बजे तक अनेक लोग जमा हो गए।

सीएम ने की 25 मिनट मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके आवास पहुंच कर करीब 25 मिनट तक वार्ता की। इस दौरान उनके साथ में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद सीएम योगी ने कहा कि लालजी टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। उनको सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। हम पीएम के आभारी हैं, उन्होंने टंडनजी को चुना है। टंडन जी अटल जी के विश्र्वसनीय सहयोगी रहे।

नीतीश ने दी बधाई
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने लाल जी टंडन को फोन कर के बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच करीब चार मिनट तक फोन पर बातचीत हुई। टंडन ने उनसे कहा कि हर तरह का सहयोग वे राज्य सरकार को देंगे।।

राष्ट्रपति भवन से जारी विज्ञप्ति में मलिक (72) की नियुक्ति की घोषणा मोदी सरकार की कश्मीर रणनीति में बदलाव का भी संकेत लेकर आयी है. केंद्र ने 1967 से जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पद के लिए सेवानिवृत्त नौकरशाहों, राजनयिकों, पुलिस अधिकारियों और सैन्य जनरलों को चुना. इस साल जून में पीडीपी के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन से भाजपा के बाहर होने के बाद जम्मू कश्मीर में फिलहाल राज्यपाल शासन लगा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश से भाजपा के कद्दावर नेता और दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विश्वस्त सहयोगी रहे लालजी टंडन, सत्यदेव नारायण आर्य और बेबी रानी मौर्य को क्रमश: बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया है.

आर्य और रानी मौर्य भी भाजपा के हैं और क्रमश: बिहार और उत्तर प्रदेश से आते हैं. मलिक (72) जम्मू कश्मीर में कर्ण सिंह के बाद पहले ऐसे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता हैं जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया है. कर्ण सिंह 1965 से 1967 तक प्रदेश के राज्यपाल थे. मलिक की नियुक्ति ऐसे समय हुयी है जब राज्य में राजनीतिक स्थितियां भी बदल रही हैं. चर्चा है कि महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी के कुछ असंतुष्ट विधायक भाजपा से हाथ मिला सकते हैं.

मलिक की नियुक्ति के साथ पूर्व नौकरशाह वोहरा का राज्यपाल के तौर पर दस साल का कार्यकाल खत्म हो गया है. वोहरा ने 25 जून, 2008 को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का पदभार ऐसे वक्त ग्रहण किया था जब प्रदेश में अमरनाथ आंदोलन चल रहा था. विभिन्न दलों से जुड़े रहे मलिक ने अपने छात्र दिनों में मेरठ विश्वविद्यालय में सोशलिस्ट नेता के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. बाद के दिनों में वह भाजपा के उपाध्यक्ष बने और पिछले साल बिहार के राज्यपाल नियुक्त किये गए. अपने लंबे राजनीतिक करियर में मलिक भारतीय क्रांति दल, लोक दल, कांग्रेस और जनता दल और भाजपा में रहे. वर्ष 1974 में उत्तर प्रदेश के बागपत से चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से वह विधायक बने. वह 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी से राज्यसभा सदस्य बने लेकिन बोफोर्स घोटाले की पृष्ठभूमि में तीन साल बाद इस्तीफा दे दिया. वह 1988 में पाला बदलकर वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में शामिल हो गए और 1989 में पार्टी के टिकट पर अलीगढ़ से सांसद बने.

वर्ष 2004 में मलिक भाजपा में शामिल हुए. चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह से उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. चार अक्टूबर 2017 को बिहार के राज्यपाल का पद संभालने के पहले वह भाजपा के किसान मोर्चा के प्रभारी थे. मलिक केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्यमंत्री रह चुके हैं. वह केंद्र एवं उत्तर प्रदेश सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. आगरा से भाजपा नेता बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल नियुक्त की गयी हैं. वहां पर दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त के के पॉल का कार्यकाल पूरा हो गया है. आर्य (73) बिहार में आठ बार विधायक रहे. वह 2010 में भाजपा-जदयू सरकार में मंत्री भी रहे है. उन्हें हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है.

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