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रंग के साथ ये बीमारियां भी दे रहा है आपका हेयर कलर, हो जाएं सावधान

जब बात सफेद बालों को काला करने की आती है तो ज्यादातर लोग इसके लिए हेयर कलर का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, डिफरेंट लुक के लिए युवाओं में इसका ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है। यह आपकी लुक तो बदल देता है लेकिन शायद आप यह नहीं जानते है हेयर कलर कई बीमारियों को न्यौता भी दे रहा है।
कैंसर का खतरा
रिसर्च के अनुसार, हेयर कलर में ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो बालों से होते हुए स्कैल्प में चले जाते हैं। इन्हीं हानिकारक कैमिकल्स के कारण कैंसर का खतरा बना रहता है। साथ ही गाढ़े रंग के पर्मानेंट हेयर डाई से ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रोग हो सकते हैं।
सांस लेने में दिक्कत होना
अगर आपको अस्थमा की समस्या है तो हेयर कलर का इस्तेमाल करने से बचे। इसमें मौजूद हानिकारक कैमिकल्स सूंघने से सांस संबंधी परेशानियां बढ़ जाती है।
त्वचा की रंगत बिगड़ना
इसमें मौजूद हानिकारक कैमिकल्स त्वचा की रंगत भी बिगाड़ देते हैं। दरअसल, कई लोगों की स्किन सेंसटिव होती है। ऐसे में हार्ड कैमिकल्स वाले हेयर कलर का इस्तेमाल त्वचा की रंगत पर बुरा प्रभाव डालता है।
स्किन एलर्जी की समस्या
कई रासायनिक उत्पादों के साथ बने हेयर कलर्स एलर्जी का कारण भी बन सकते है। साथ ही इससे इससे पिग्मिंटेशन, चकत्ते और खुजली और आंखों लालपन व सूजन की समस्या आ सकती है।
आंखों पर भी पड़ता है बुरा प्रभाव
हेयर कलर करने से आंखों पर भी प्रभाव पड़ता है। रिसर्च के अनुसार, इससे आंखों की रौशनी कम होने लगती है। ऐसे में युवाओं को इससे हर हाल में बचना चाहिए। इसकी बजाए आप नेचुरल कलर का यूज कर सकते हैं।
बालों का टूटना
हेयर कलर्स या डाई में अमोनिया का इस्तेमाल किया जाता है। यह तत्व हेयर फाइबर को खोलकर बालों पर अपना काम करता है। पर्मानेंट हेयर कलर में अदिक मात्रा में अमोनिया का इस्तेमाल होता है। यह बालों को कमजोर बना देता है और बालों में मौजूद प्राकृतिक प्रोटीन को छीन लेता है, जिस वजह से बालों की किस्में खराब होने लगती है और कमजोर और टूटने लगते है।
बचाव के तरीके
आप कुछ सावधानी बरतकर बालों में हेयर डाई से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं। साथ ही ऐसा करने से आपके सिर के बाल भी ज्घ्यादा समय तक ठीक रहेंगे।
-जब भी हेयर कलर का इस्तेमाल करें तो हाथों में गलव्स जरूर पहनें।
-किसी नए ब्रांड का हेयर कलर इस्तेमाल करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी लें क्योंकि बार-बार हेयर कलर बदलने से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है। साथ ही कोशिश करें कि आप अच्छा ब्रांड कलर यूज करें।
-एलर्जी से बचने के लिए पैच टेस्ट करके देख लें। पैच टेस्ट किसी प्रोडक्ट के प्रति आपकी त्वचा की संवेदनशीलता के बारे में बताता है, जिससे आप एलर्जी से बच सकते हैं। साथ ही पैकेट पर लिखें सभी निर्देशों को फॉलो करें।
-हेयर डाई को ज्यादा समय तक लगाकर ना रखें क्योंकि डाई को निर्धारित समय से ज्यादा देर लगाकर रखना हानिकारक होता है।
-किसी भी कंपनी के दो हेयर कलर एक साथ मिक्स करके ना लगाएं क्योंकि इससे इंफेक्शन और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
-अगर आपको किसी तरह की कोई अस्थमा, एलर्जी, डैंड्रफ व अन्य प्रॉब्लम है तो हेयर कलर करवाने से बचें।
-हेयर प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें, नहीं तो बालों और त्वचा पर इसका हानिकारक प्रभाव हो सकता है।

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