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यूपी विधान मंडल सत्र 17 अगस्त से होगा शुरू, हंगामेदार होने के आसार

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र 17 अगस्त से होगा। नई दिल्ली में संसद के मानसून सत्र में जहां रोज हंगामा हो रहा हैं, वहीं उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र भी काफी हंगामेदार होने की संभावना है। प्रदेश सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बैठक में जिन प्रस्तावों को बाईसकुर्लेशन मंजूरी दी है, उनमें उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र की तारीख भी है। उत्तर प्रदेश सरकार मानसून सत्र में अनुपूरक बजट लाने की तैयारी में है। यह योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल का आखिरी अनुपूरक व इस साल का पहला अनुपूरक बजट होगा।

इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत आर्थिक सहयोग देने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड से या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों या माता या पिता में से किसी एक को खो दिया है या 18 से 23 साल के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों या माता या पिता में से किसी एक या अभिभावक को खो दिया है और वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री या डिप्लोमा लेने के लिए शिक्षा ले रहे हो या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले या जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है या जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में है या ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति व बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार व पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो, ऐसे परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मंत्रिपरिषद ने होमगार्ड्स स्वयंसेवकों एवं अवैतनिक अधिकारियों की सेवावधि में (अधिवर्षता से पूर्व) मृत्यु की दशा में उनके नॉमिनी या उत्तराधिकारी को या स्थायी अपंगता की स्थिति में उनको पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक अंग या एक आंख की पूर्ण रूप से हानि होने की दशा में ढाई लाख रुपये की अनुग्रह धनराशि दिए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। यह व्यवस्था छह दिसंबर, 2020 से लागू होगी। मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश, 2021 के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है। कुल 312 अधिनियमों को निरसित किए जाने के संबंध में शासन के संबंधित प्रशासकीय विभागों से अनापत्तियां प्राप्त हुई, जिन्हें वर्तमान में अप्रचलित एवं अनुपयोगी होने के मद्देनजर निरसित किया जाना प्रस्तावित है।

वर्तमान में राज्य विधान मंडल सत्र आहूत नहीं है। नागरिकों एवं व्यवसाय पर विनियामक अनुपालन भार (रेगुलेटरी कम्प्लायंस बर्डन) को कम करने की तात्कालिकता के मद्देनजर संबंधित प्रशासकीय विभागों की संस्तुति के आधार पर 312 अप्रचलित एवं अनुपयोगी हो चुके अधिनियमों को उत्तर प्रदेश निरसन अध्यादेश, 2021 के माध्यम से निरसित किए जाने और इसके प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन से इसे आने वाले राज्य विधान मंडल सत्र में पुर:स्थापित कराने जाने का भी निर्णय मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है।

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