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यूपी : ट्रैक्टर मार्च को बढ़े किसान, दिल्ली की सीमाओं पर कड़ी सुरक्षा, फोर्स तैनात

अशाेक यादव, लखनऊ। दिल्ली में 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों के दिल्ली जाने का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा। इसके साथ ही किसान सोमवार को दिल्ली कूच की तैयारी में जोश के साथ जुटे हैं। यूपी में मेरठ, सहारनपुर, बरेली, मुरादाबाद मंडल से किसानों के दिल्ली कूच का सिलसिला जारी रहा। जबकि आगरा में किसानों ने यमुना एक्सप्रेस वे पर पैदल मार्च निकाल कर जाम लगाया।

वेस्ट यूपी के किसान सोमवार को बड़ी संख्या में दिल्ली पहुचेंगे। दूसरी ओर पुलिस प्रशासन भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। दिल्ली से सटी सीमाओं को अलर्ट करते हुए सुरक्षा बढ़ा दी है। सोमवार को मुख्यमंत्री के नोएडा दौरे को लेकर अधिकारी विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। 

मेरठ की सात सीमाओं पर पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। एसएसपी अजय साहनी के अनुसार, दिल्ली की तरफ आने और जाने वाले वाहनों पर नजर रखी जा रही है। सभी बॉर्डर पर बैरीकेडिंग की गई है। 24 घंटे पुलिस बल तैनात रहेगा। किसानों के वाहनों को चेक करने के बाद ही आगे बढ़ने दिया जा रहा है।

मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर खरखौदा, मेरठ-दिल्ली हाईवे पर मोहिद्दीनपुर, मुरादनगर-खतौली गंगनहर पटरी पर जानी नहर पुल, दिल्ली-दून हाईवे पर दादरी, मेरठ-गढ़मुक्तेश्वर हाईवे पर शाहजहांपुर, मेरठ-करनाल हाईवे पर सरूरपुर भूनी चौराहा और मेरठ-बिजनौर मार्ग पर रामराज के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रविवार को करीब 200 ट्रैक्टर दिल्ली के लिए रवाना हुए।

उधर, मेरठ-सहारनपुर मंडल के जो किसान दिल्ली नहीं जा पाएंगे वो गांव और जिलों में ट्रैक्टर परेड करेंगे। कमिश्नर, एडीजी और आईजी बॉर्डर पर डटे हैं। रालोद 25 जनवरी को रैली निकालेगा, जबकि 26 को सपा तहसीलों पर और अन्य किसान संगठन जिले में यात्रा निकालेंगी। भाकियू के एनसीआर महासचिव मांगे राम त्यागी ने बताया कि 25 जनवरी की शाम तक 800 ट्रैक्टर दिल्ली जाएंगे। शामली जनपद से 25 जनवरी को 300 ट्रैक्टर दिल्ली के लिए रवाना होने का लक्ष्य रखा गया है। हापुड़ से सोमवार शाम को किसान दिल्ली जाएंगे। 

मथुरा के बाजना कट से किसान यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ गए और पैदल मार्च निकालकर जाम लगा दिया। पुलिस ने समझाकर किसानों को करीब 15 मिनट बाद लौटाया। इधर, 26 जनवरी की परेड को लेकर किसान ट्रैक्टरों को सजाने में जुटे हैं। पुलिस-प्रशासन ने 26 तक यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टरों के चढ़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है।

सुरक्षा के लिए दो कंपनी पीएसी और 400 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। एक्सप्रेस-वे व हाईवे को दो-दो सेक्टरों में बांटा गया है। फिरोजाबाद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर निगरानी कड़ी कर दी गई है। आईजी ए सतीश गणेश ने टूंडला और कठफोरी टोल टैक्स के हालातों को देखा। मैनपुरी में परेड में जाने की तैरूारियों में जुटे किसान नेता नजरबंद कर दिए गए हैं।

एटा में ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जा रहे किसानों को आगरा रोड स्थित कोतवाली देहात के पास रोक लिया गया। भड़के किसानों ने सड़क पर ट्रैक्टर लगाकर विरोध जताया। समझाने पर किसान लौट गए। अलीगढ़ में पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। किसानों ने गांव-गांव जाकर 26 जनवरी को निकाली जाने वाली ट्रैक्टर परेड के लिए जनसंपर्क किया। खैर, गभाना और इगलास में तीन एडीएम व 10 मजिस्ट्रेट तैनात रहे। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए टप्पल में पीएसी, आरएएफ तैनात की गई है।

मुरादाबाद मंडल में भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद भी कहीं भी किसानों को रोका नहीं गया। एक अनुमान के मुताबिक मंडल के चार जिलों से बीते 24 घंटे में चार सौ से अधिक ट्रैक्टरों से किसान दिल्ली रवाना हुए हैं। रामपुर में एहतियातन फोर्स तैनात रही लेकिन किसानों को रोकने की कोशिश नहीं की गई। किसानों के चार बड़े जत्थे सोमवार को जिले में चार प्वाइंट से दिल्ली रवाना होंगे। इस बीच किसान नेताओं को मनाने का सिलसिला भी जारी रहा।

बरेली क्षेत्र से बृजघाट की ओर से 50 ट्रैक्टर ट्राली दिल्ली के लिए रवाना हुए। बरेली जोन के एडीजी अविनाश चंद्र ने बताया कि रविवार को बरेली मुरादाबाद मंडलों से 50 ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली गए हैं। दोनों दिन में दो से ढाई हजार किसान दिल्ली के लिए कूच किए हैं। पुलिस प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हैं। किसानों के साथ वार्ता की जा रही है। एडीजी फायर विजय प्रकाश, आईजी लक्ष्मी सिंह ने जिले में डेरा डाल रखा है। किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि किसान यहां से ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने दिल्ली न जाएं।

उत्तराखंड और यूपी पुलिस ने किसानों की हर गतिविधियों पर नजर बनाए रखने की योजना बनाई है। रविवार को मुजफ्फरनगर और हरिद्वार पुलिस अधिकारियों के बीच मीटिंग हुई। तय हुआ कि दोनों एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे। ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। किसान संगठनों के संपर्क में भी रहकर पुलिस उनकी नब्ज टटोलने में लगी है।

राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसान आंदोलन में दिवंगत हुए किसानों के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद व नौकरी देने की घोषणा सराहनीय है। उत्तर प्रदेश व हरियाणा की सरकार को भी इस तरह की मदद के लिए आगे आना चाहिए।

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