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राम मंदिर मुद्दे पर बंटे संत, योगी से मिलने के बाद कहा सरकार भी चाहती है जल्द हो मंदिर निर्माण

आचार्य सतेंद्र दास ने कहा मंदिर नहीं बना तो भुगतेगी भाजपा

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ में गुरुवार (07 जून) को अयोध्या के संतों ने सीएम योगी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान संतों ने सीएम योगी के सामने अयोध्या के विकास का मुद्दा उठाया. साथ ही घाघरा नदी का नाम सरकारी रिकॉर्ड में सरयू नदी करने की मांग भी संतों ने सीएम योगी के सामने रखी.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान संतों ने कहा कि सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि वो अयोध्या का विकास करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार भी जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कराने के पक्ष में है. वहीं, राम लला के मुख्य पुजारी बोले, राम मंदिर नहीं बना तो बीजेपी को अंजाम भुगतना पड़ेगा.

जब संतों से राम मंदिर निर्माण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद राम मंदिर निर्माण के लिए चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे, लेकिन फिर भी अब मंदिर निर्माण का वक्त आ चुका है. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद 25 जून को इलाहाबाद में होने वाले संत सम्मलेन में शामिल होंगे. संत सम्मलेन में भी राम मंदिर निर्माण ही मुद्दा होगा. सीएम योगी से मुलाकात के सभी साधु संत काफी खुश नजर आए.

उन्होंने कहा कि अब बलिदान देने का नहीं बल्कि लेने का समय आ गया है. आपको बता दें कि बीजेपी के अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कोई निर्माण नहीं किए जाने को लेकर संतों 2019 के चुनाव से पहले तीखी प्रक्रिया दी थी. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने सीएम योगी से संतों की मुलाकात को दिखावा करार दिया है. साथ ही खुद को न बुलाए जाने पर भी नाराजगी जताई है. आचार्य सतेंद्र दास ने दावा किया कि राम मंदिर के बारे में वो हमेशा स्पष्ट बात करते हैं इसीलिए उन्हें कहीं नहीं बुलाया जाता.

आचार्य सतेंद्र दास ने एक बार फिर दोहराया कि अगर 2019 में बीजेपी ने हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे को नकारा को बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा.

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