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प्रदेश के मंत्रियों ने बिसवां तहसील के बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री बांटी

अनुपूरक न्यूज़ एजेंसी, लखनऊ / सीतापुर : कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग जितिन प्रसाद, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग कपिल देव अग्रवाल एवं राज्यमंत्री संसदीय कार्य, चिकित्सा, शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग, मयंकेश्वर शरण सिंह ने तहसील बिसवां के बाढ़ प्रभावित गांव का स्थलीय निरीक्षण किया एवं मारूबेहड़ की बाढ़ चौकी में बाढ़ पीड़ितों से संवाद कर राहत सामग्री का वितरण किया।
मंत्रीगणों ने जैतहिया गांव में पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुना तथा सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनको आवास, राशन, दवा आदि की सुविधाएं मुहैया करायी जायें एवं अगली फसल हेतु निःशुल्क बीजों का वितरण कराया जाये। इसके बाद उन्होंने जंगल टपरी गांव की पुलिया का निरीक्षण किया, जहां पर पुलिया के ऊपर अभी भी पानी भरा हुआ है। उन्होंने प्रधान से गांव वालों को क्या-क्या सुविधाएं नहीं मिली है, की जानकारी करते हुये आवश्यक सभी सुविधाएं इनको मुहैया कराने के निर्देश दिये। गांव के लोगों द्वारा अवगत कराया गया है कि आवास, शौचालय आदि की समस्याएं हैं, जिस पर मंत्रीगणों ने खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी के यहां शौचालय बना दिया जाये तथा जो भी बाढ़ पीड़ित है, आवास पाने योग्य है उनकी सूची तहसीलदार एवं खण्ड विकास अधिकारी तैयार करते हुये उन्हें आवास आवंटित किये जाने के निर्देश प्रदान किये।
मंत्रीगणों द्वारा बाढ़ से प्रभावित लोगों को लाई, राशन किट, आलू, तिरपाल, महिलाओं को डिग्निटी किट का वितरण किया गया। डिग्निटी किट में सैनिटरी पैड, साबुन (नहाने वाला), साबुन (कपड़े धोने वाला), तौलिया, सूती कपड़ा, ढक्कन सहित बाल्टी एवं मग्गा है तथा लोगों को बाढ़ राहत सामग्री वितरित की गयी। राहत सामग्री में आटा, चावल, भुना चना, अरहर दाल, नमक, हल्दी, साबुन, मिर्च, धनिया, मोमबत्ती, माचिस, बिस्किट, रिफाइन्ड तेल एवं गुड़ जैसी सामग्री उपलब्ध हैं।
मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि यह क्षेत्र गांजर क्षेत्र कहलाता हैं यहां के लोगों का जीवन बहुत ही कठिन होता है, जहां अन्य क्षेत्रों में साल में तीन-तीन फसलें होती हैं वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण मुश्किल से दो फसलें ही होती हैं, इसलिये हम लोगों ने यहां का भ्रमण कार्यक्रम रखा है ताकि वास्तविक धरातल स्थिति क्या है, कितना जलभराव अभी भी है, पानी वापस नहीं गया है, कितनी फसलें नष्ट हुयी, कितनें आवास और कटान लोगों के घर व खेत नष्ट हुये हैं, आप लोगों की जो भी समस्याएं है उनको जाना जा सके ताकि सरकार की जो मंशा है इस क्षेत्र के लिये उसका स्थाई रूप से समाधान किया जा सके और इसके अलावा आपकी जरूरत की रोजमर्रा की चीजें, राहत सामग्री, दवाएं, आवागमन की व्यवस्था और जिनके मकान नष्ट हो गये, उनके रहने के लिये लगातार व्यवस्था बनी रहे, यही सरकार का प्रयास व कोशिश है व इस उद्देश्य में कोई भी पीड़ित व प्रभावित व्यक्ति सरकार के लाभ से वंचित न रह सके। उन्होंने जिला प्रशासन को भी यह सुनिश्चित कराये जाने हेतु निर्देश प्रदान किया कि सरकार के इस लाभ व प्रयास से कोई भी बाढ़ पीड़ित व प्रभावित व्यक्ति वंचित न रहे। उन्होंने संबंधित को निर्देश दिये कि बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों का कैसे स्थाई समाधान हो यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि शासन व प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है, प्रयास किया जायेगा कि जो भी समस्याएं यहां रखी गयी हैं, उसका भी त्वरित समाधान किया जाये। जिनको आवास नहीं मिला है उसकी भी सूची बन रही है व जिनकी फसलें नष्ट हो गयी हैं उनका भी सर्वे कराकर मुआवजे की व्यवस्था की जा रही है, इसके लिये सरकार संवेदनशील है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि दवाओं का खास इंतजाम होना चाहिये। पानी कम होने के बाद अन्य बीमारियों का प्रकोप रहेगा, इस हेतु दवाओं की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में रखे तथा निःशुल्क दवाओं का वितरण कराया जाये ताकि कोई भी बीमारी जो खासतौर से छोटे बच्चों में होती हैं, उसके प्रकोप को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई एवं जलभराव की विशेष व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। जैहतहिया गांव के लोगों से वार्ता करते हुये मंत्रीगणों ने गुजारिश किया कि बाढ़ कम होने के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है, जिसमें मलेरिया, डेंगू आदि बीमारियों का प्रकोप बना रहता है, इस प्रकोप से बचने के लिये सभी लोग पूरी बाजूओं के कपड़े पहनें, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
मारूबेहड़ बाढ़ चौकी पर बाढ़ प्रभावित स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी के माध्यम से बांध निर्माण हेतु ज्ञापन मंत्रीगणों को दिया एवं मंत्रीगणों से स्थानीय लोगों ने निवेदन किया कि हम लोगों की एक ही मांग है कि चहलारी घाट से तम्बौर तक बांध बनाया जाये। इस पर मंत्रीगणों ने संबंधित अधिकारियों को स्थायी बांध की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। मा0 मंत्रीगणों ने बाढ़ से प्रभावित हुयी फसलों का सही सर्वेक्षण करने के निर्देश दिये तथा जिनके मकान बाढ़ से प्रभावित हुये उनको प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत उन्हें आवास आवंटित किये जायें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि दवाओं की उपलब्धता बनाये रखें ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को अनवरत रूप से दवाओं का वितरण किया जा सके। राशन वितरण में कोई भी बाढ़ पीड़ित वंचित न रहे यह सुनिश्चित किया जाये।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अनुज सिंह, पुलिस अधीक्षक घुले सुशील चन्द्रभान, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राम भरत तिवारी, अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी डा0 राजीव दीक्षित, उपजिलाधिकारी बिसवां पी0एल0 मौर्य, उपजिलाधिकारी न्यायिक राखी वर्मा, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई विशाल पोरवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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