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नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक युवाओं से ठगे 7 करोड़, मामले की जांच जारी

दिल्ली: केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की कंपनी में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 100 से अधिक युवाओं से 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई है। आरोपी खुद को आईएएस और केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह का करीबी बताता था। सोमवार को कई युवक नौकरी ज्वाइन करने करने सेक्टर-8 के पहुंचे तो दफ्तर बंद मिला। इसके बाद पीड़ित युवकों ने हंगामा कर दिया और बाद में एसपी सिटी से जाकर शिकायत की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक अभिषेक गुप्ता ने सेक्टर-8 में अगस्त 2018 में इंडिया राइजिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी का ऑफिस खोला था। वह इस कंपनी का डायरेक्टर था और खुद को आईएएस बताकर भूतल और प्रथम तल को किराये पर ले लिया।

अभिषेक का दावा था कि इंडिया राइजिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय की कंपनी है। ऑफिस खोलने के बाद उसने कुछ युवकों को नौकरी पर रख लिया। इसके बाद कई माध्यमों से सरकारी नौकरी लगवाने का प्रचार-प्रसार करने लगा। उसने अपनी कंपनी में कुछ युवकों से 5-5 लाख रुपये लेकर 30 हजार रुपये प्रति महीने के हिसाब से नौकरी पर रख लिया। इसके बाद उसके पास बड़ी संख्या में युवक सरकारी नौकरी के लिए आने लगे। उसने युवकों से नौकरी दिलाने के लिए 6 से 8 लाख रुपये की मांग की। फिलहाल उसके में 102 युवक काम कर रहे थे। पिछले एक माह की युवकों को तनख्वाह नहीं मिली थी।

इससे युवकों को डायरेक्टर पर ठगी का शक होने लगा था। सोमवार सुबह जब 102 युवक 8 बजे दफ्तर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। डायरेक्टर को फोन किया तो उसका नंबर बंद था। इस पर युवकों को अपने साथ ठगी का पूरा भरोसा हो गया। सभी युवकों ने सेक्टर-20 कोतवाली में पहुंचकर शिकायत की। मगर यहां उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद सभी युवक सेक्टर-6 स्थित एसपी सिटी के दफ्तर पहुंचे। ठगी के शिकार सभी युवक हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से हैं। इस कंपनी का एक व्हाट्स एप ग्रुप भी है। इसका ग्रुप एडमिन अभिषेक ही है। सोमवार तड़के अभिषेक ने ग्रुप पर लिखा कि वह गलत तरीके से झूठ बोलकर कंपनी चला रहा था। यह कंपनी बंद हो जाएगी। वह अब खुदकुशी करने जा रहा है।

इसके अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं है। इस मैसेज के बाद जब कर्मचारी ऑफिस पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। सोमवार को इस कंपनी में बीस नए लड़कों को ज्वाइन करना था। इन युवकों ने पहले एडवांस के तौर पर दो-दो लाख रुपये जमा किया था। जब ये लड़के भी ज्वाइन करने सोमवार सुबह पहुंचे तो कंपनी बंद थी। इसके बाद ये लोग भी थाने पहुंचकर पुलिस से शिकायत की। अभिषेक गुप्ता ने फर्जीवाड़ा को अंजाम देने के लिए साजिश रची थी। कंपनी की तरफ से जो भी ज्वाइनिंग लेटर दिया गया था वह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के फर्जी लेट हेड पर था। लेटर पर मंत्रालय की मुहर व केंद्रीय मंत्री के हस्ताक्षर भी थे। इस फर्जी कंपनी में काम करने वाले 100 से अधिक लोगों को लॉग इन आईडी दिया गया था।

यहां केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय से जुड़ा कोई काम नहीं था। ये लोग वेबसाइट पर जाकर नोएडा की विभिन्न आयात-निर्यात करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों को राशन का ऑर्डर बुक करना होता था। इस कंपनी में काम करने वाले युवकों ने बताया कि कई लोगों ने पैसे देकर नौकरी की तो उसकी शादी हो गई। अब जैसे ही पता चलेगा की गलत नौकरी थी तो घर में क्लेश होना तय है। इससे कई युवक परेशान हैं। अभिषेक गुप्ता ने कर्मचारियों के साथ व्हाट्स एप ग्रुप पर चैट करते हुए लिखा कि वह कर्मचारियों के लिए 15 लाख रुपये अलमारी में छोड़ रहा है। उसने उस पैसे को आपस में बांटने को कहा। जब युवक कंपनी के अंदर दाखिल हुए तो अलमारी में 15 लाख रुपये रखे हुए थे। कर्मचारियों ने उन रुपयों को रख लिया है।

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