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दिल्ली में भारी बारिश का कहर: 11 साल का टूटा रिकार्ड, हवाई अड्डे समेत सड़कें बनीं तालाब

नई दिल्ली। दिल्ली में शनिवार सुबह भारी बारिश से मोती बाग और आरके पुरम समेत शहर के कई हिस्सों से जलभराव की खबरें आई हैं। हवाई अड्डे समेत सड़कें तालाब बन गई। नगर निकायों के अनुसार, मोती बाग और आरके पुरम के अलावा मधु विहार, हरी नगर, रोहतक रोड, बदरपुर, सोम विहार, आईपी स्टेशन के समीप रिंग रोड, विकास मार्ग, संगम विहार, महरौली-बदरपुर रोड, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, मुनीरका, राजपुर खुर्द, नांगलोई और किराड़ी समेत अन्य मार्गों पर भी जलभराव देखा गया।

लोगों ने सड़कों पर जलभराव की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में मधु विहार में कथित तौर पर सड़कों में जलभराव दिखाया गया है जिसमें कुछ डीटीसी क्लस्टर बसों को पानी में खड़ा दिखाया गया और अन्य यात्री जलमग्न सड़कों से अपने वाहन को निकालते दिखे।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों ने बताया कि सड़कों से पानी की निकासी के लिए कर्मी काम कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार तड़के भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव हुआ। हम प्राथमिकता के आधार पर इस समस्या से निपट रहे हैं। हमारे कर्मचारी स्थिति पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहे हैं।

दक्षिण पश्चिमी मानसून दिल्ली में भले ही अस्थिर रहा हो और इसकी गिनती सबसे देर से आने वाले मानसून में की गई हो लेकिन इसने राष्ट्रीय राजधानी में 11 साल में अब तक सबसे ज्यादा 1,005.3 मिलीमीटर बारिश की है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, सफदरजंग वेधशाला में वर्षा ऋतु के दौरान आम तौर पर औसतन 648.9 मिमी वर्षा दर्ज की जाती है। एक जून को मानसून का मौसम शुरू होने से 10 सितंबर तक यहां 586.4 मिमी बारिश होती है। दिल्ली में 13 जुलाई को मानसून पहुंचा था जो 19 वर्षों के इतिहास में सबसे देर से आया।

 
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