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बुराड़ी कांड : 11 लोगो की मौत की गुत्थी में नाकाम पुलिस ने सीबीआई की मदद मांगी

 लखनऊ : दिल्ली पुलिस ने उत्तरी दिल्ली में बुराड़ी स्थित अपने आवास पर मृत पाए गये भाटिया परिवार के 11 सदस्यों का साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी (मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण) करने के लिए सीबीआई से मदद मांगी है. साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में यह देखा जाता है कि व्यक्ति अपनी मृत्यु से पहले के क्षणों में किस मनोदशा में रहा होगा. यह ऑटोप्सी मृतकों के परिजन, सामाजिक संपर्क में रहे व्यक्तियों और अन्य चीजों से प्राप्त जानकारी के जरिए की जाती है. इसमें मृतकों की कुछ हफ्ते या कुछ महीने पहले की मनोदशा जानने की भी कोशिश की जाती है.अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सीबीआई के सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी से मृतकों की मनोस्थिति का विश्लेषण करने के वास्ते एक मनोवैज्ञानिक पैनल गठित करने के लिए संपर्क किया है. पुलिस ने बताया कि साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी या मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से किसी मरने वाले के चिकित्सा रिकार्डों और परिजनों, दोस्तों, जानने वालों से बात कर मृतक की मनोस्थिति का विश्‍लेषण किया जाता है और मौत से पहले की उनकी मन:स्थिति पर शोध किया जाता है. मृतक परिवार में 11 में से दस सदस्य छत से लगे लोहे एक जाल से लटके मिले थे जबकि परिवार की प्रमुख 77 वर्षीय नारायणा देवी घर के दूसरे कमरे में फर्श पर मृत मिली थी. मृतकों में उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावेश (50) और ललित (45) शामिल थे.इसलिए कराई जाएगी सभी शवों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी

1 – विशेषज्ञों ने बताया कि मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी यह स्पष्ट करने की कोशिश करती है कि किसी व्यक्ति ने अपनी जान क्यों ली.

2- इसमें मेडिकल रिकॉर्डों का विश्लेषण होता है, मित्रों एवं परिजन का साक्षात्कार किया जाता है और मृत्यु से पहले उसकी मनोदशा पर शोध किया जाता है.

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