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ताजमहल पर गोल्डी काइरोनोमस का हमला, अधिकारियों की उड़ी नींद

आगरा। प्रेम की इमारत ताजमहल पर गोल्डी काइरोनोमस के हमले ने अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। यमुना किनारे की उत्तरी दीवार पर गोल्डी काइरोनोमस कीड़े गंदगी जमा कर रहे हैं, जिससे दीवार पर हरे और भूरे दाग फिर से लगने शुरू हो गए हैं। विशेषज्ञों की मानें तो जैसे-जैसे पारा 44 डिग्री के पास पहुंचेगा, कीड़ों का प्रकोप और बढ़ जाएगा। भीषण गर्मी से यमुना नदी में पानी की कमी और प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी के कारण एक बार फिर गोल्डी काइरोनोमस कीड़े ताजमहल को बदरंग करने में लगे हैं। तीन साल में पांचवीं बार ताजमहल पर गर्मियों में कीड़ों ने हमला किया है। ताजमहल के उत्तरी दरवाजे की ओर चमेली फर्श और ऊपर मुख्य गुंबद की दीवार पर कीड़ों के निशान नजर आने लगे हैं। नालों से आ रही गंदगी और सीवर के कारण यमुना नदी में ताजमहल के पीछे लगभग दलदल के हालात हैं। ऐसे में इन कीड़ों का प्रजनन बढ़ने के कारण यह फिलहाल चमेली फर्श तक ही उड़ पा रहे हैं।

कीड़ों के स्राव के कारण हरे और भूरे रंग के निशान संगमरमरी दीवारों पर दिखने लगे हैं। तीन साल पहले अप्रैल के महीने में ताजमहल पर कीड़ों के कारण दीवारों का रंग हरा पड़ गया था। इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने संज्ञान लिया था, जिसके बाद प्रशासन ने एडीएम सिटी की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी भी बनाई। एएसआई ने इसी दीवार पर मडपैक ट्रीटमेंट कराकर सफाई कराई थी। गर्मी में पानी कम होने से यमुना में प्रदूषण की मात्रा और बढ़ गई है, जिससे फास्फोरस बढ़ने के कारण गोल्डी काइरोनोमस और ग्लिप्टोटेन कीड़े पहुंच रहे हैं। काइरोनोमस मादा कीट एक बार में एक हजार तक अंडे देती है। लार्वा और प्यूमा के बाद करीब 28 दिन में पूरा कीड़ा बनता है। यह दो दिन तक जीवित रहता है और ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है।

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