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तपिश बढ़ने से आग की चपेट में 40 हेक्टेयर जंगलों को नुकसान…

उत्तराखंडः तपिश बढ़ने के साथ जंगलों में भी आग भड़कने लगी है। कुमाऊं में फायर सीजन के बाद से करीब 40 हेक्टेयर जंगल को नुकसान हो चुका है। कई हेक्टेयर में पौधरोपण भी प्रभावित हुआ है। रविवार की देर शाम रानीखेत तहसील के सुदूरवर्ती बबुरखोला के जंगल में आग भड़क उठी। देखते ही देखते आग ने पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले लिया। आग आवासीय क्षेत्र में भी पहुंचने लगी थी जिस पर ग्रामीणों ने बमुश्किल काबू पाया। हालांकि, बाद में वन विभाग की टीम भी आग बुझाने पहुंच गई थी। आग से वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा। उधर, सल्ट ब्लॉक के कालीगांव, जाललीखानी, कालीगांव, अटरिया समेत दर्जन भर गांवों के जंगलों में आग लग गई।

कालीगांव के जंगल में आग से बीएसएनएल की ओएफसी लाइन जल गई, जिससे सोमवार को सल्ट के सभी सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। रविवार रात से लगी आग अभी भी बुझी नहीं है। अलबत्ता, आग बुझाने के वन रक्षकों को भेजा गया है। भिकियासैंण में लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस के पीछे के तरफ के जंगल में आग लग गई जिसने विकराल रूप धारण कर लिया। आग पाड़ीकोट होते हुए कन्या इंटर कॉलेज के पास तक फैल गई। कनालीछीना (पिथौरागढ़) ब्लॉक के गुड़ौली गांव के चीड़ के जंगलों में भी आग लग गई। आबादी की ओर बढ़ रही आग को गांव के युवाओं ने बुझाया।

हालांकि इस आग से वन संपदा को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा। चंपावत जिले में नेपाल सीमा से लगे तरकुली के जंगलों में आग लगने से करीब दो हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। वन दरोगा चतुर सिंह ने बताया कि क्रू स्टेशन की टीम मौके पर रवाना हो गई है। इधर, रानीबाग समेत अन्य क्षेत्रों के जंगलों में भी आग भड़की है। रानीखेत/मौलेखाल/कनालीछीना/चंपावत से इनपुट के साथ विभागीय सूचनाओं के अनुसार प्रदेश में आग लगने की कुल 70 घटनाएं हो चुकी है। इसमें गढ़वाल और कुमाऊं में 32-32 और वन्यजीव क्षेत्र में छह घटनाएं हो चुकी है। इसमें कुमाऊं में करीब 40 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंच चुका है। साथ ही करीब चार हेक्टेयर प्लांटेशन वाला क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है।

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