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टेलीकॉम कंपनियों के लिए राहत की खबर, लागू हुआ ये नियम

नई दिल्ली। बीते सितंबर महीने में सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को राहत देते हुए इंडस्ट्रीज से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए। इसी में से एक नियम लाइसेंस शुल्क के विलंब से भुगतान पर ब्याज दर से जुड़ा था। संशोधित नियम अब लागू हो गया है। इसके लागू होने के साथ ही टेलीकॉम सेक्टर की उन कंपनियों को राहत मिलेगी, जो बकाया के बोझ तले दबी हैं।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट अब लाइसेंस शुल्क या किसी अन्य सांविधिक बकाये के भुगतान में देरी के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक साल की कोष की सीमांत लागत (एमसीएलआर) के ऊपर दो प्रतिशत का ब्याज लेगा। ब्याज का संयोजन सालाना आधार पर किया जाएगा। अभी तक दूरसंचार कंपनियों को एसबीआई के एक साल के एमसीएलआर के ऊपर चार प्रतिशत का ब्याज देना होता था। ब्याज का संयोजन मासिक आधार पर किया जाता था।

संशोधन में कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क या किसी अन्य बकाया के भुगतान में देरी पर एसबीआई के एक साल के एमसीएलआर (वित्त वर्ष की शुरुआत से) के ऊपर दो प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा।

विभाग ने लाइसेंस शुल्क की उस धारा को भी हटा दिया है जिसके तहत दूरसंचार कंपनियों से लाइसेंस शुल्क के कम भुगतान पर भुगतान राशि में कमी के 50 प्रतिशत के बराबर ब्याज वसूला जाता था। लाइसेंस शुल्क की भुगतान राशि कुल बकाया के 10 प्रतिशत से अधिक रहने पर यह जुर्माना लगाया जाता था।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर सरकार के रुख को उचित ठहराए जाने के बाद पुराने नियमों की वजह से मौजूदा दूरसंचार कंपनियां दबाव में थीं। उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार ऑपरेटरों से 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया चुकाने को कहा था।

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