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झारखंड लोक सेवा आयोग : विपक्ष का हंगामा, पक्ष से भी उठे सवाल, बोले स्पीकर, जनहित पर निर्णय नहीं ले सकते तो सदन बंद कर दें

रांची: बजट सत्र का छठा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया, झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी मुख्य परीक्षा को लेकर विपक्ष ने सदन के अंदर हंगामा किया, विपक्ष सोमवार से शुरू हुई जेपीएससी की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग पर अड़ा था, झामुमो, कांग्रेस के विधायक वेल में भी घुसे, हो-हंगामा के कारण पहली पाली में दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, वहीं दूसरी पाली में भी सदन की कार्यवाही व्यवस्थित नहीं हो पायी और विपक्ष का हंगामा जारी रहा, हो-हल्ला देखते हुए दूसरी पाली में स्पीकर ने दिन भर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी, जेपीएससी के मामले में लेकर स्पीकर दिनेश उरांव भी गंभीर थे,सदन में चर्चा के दौरान वह भावुक भी हुए, रुआंसे हो कर रूमाल से अपना चेहरा पोछा, सदन में जेपीएससी को लेकर कोई रास्ता नहीं निकलता देख,

स्पीकर ने कहा जनहित के मुद्दे पर निर्णय नहीं ले सकते, तो सदन को बंद कर देना चाहिए, सदन की गरिमा पर भी विचार करना चाहिए, 2015 से चार साल हो गये, चार साल में छठी जेपीएससी की परीक्षा नहीं करा सके, पिछली बार भी सदन में मामला उठा थाघ् बार-बार जेपीएससी का ही विषय क्यों आता हैघ् इस विचार करना चाहिए, स्पीकर ने कहा आसन की भी अपनी मजबूरी है, मैं अपनी लिमिटेशन को समझता हू, लीक से हट कर मैं इस विषय पर चर्चा करा रहा हूं, सत्ता पक्ष को कष्ट भी हो रहा होगाघ् लेकिन सदन ऐसे विषय पर विचार होना चाहिए, आहत स्पीकर ने कहा रू स्तर तो गिर गया है, अब और क्या गिरेगा, उधर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा रू इस मामले में आज सुनवाई थी, कोर्ट का निर्णय आ गया, परीक्षा में किसी तरह की रोक नहीं लगायी गयी है,

पीटी में 34634 पास हुए है, 27 हजार छात्र परीक्षा में शामिल हुए है, अभी किसी तरह की स्क्रूटनी नहीं हुई है, सरकार के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं था और हो-हल्ला जारी रहा, वहीं सदन के बाहर दूसरे मंत्री सरयू राय कहना था कि आज सदन में जो हुआ, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण थाघ् राज्यहित में निर्णय होना चाहिए, सत्ता पक्ष-विपक्ष साथ बैठ जाये और इसका समाधान निकाले, अध्यक्ष की भावना को नेगलेक्ट कर सदन चलाना मुश्किल है,विपक्ष के विधायकों ने मामला उठाया रू उधर पहली पाली में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के विधायकों ने मामला उठाते हुए कहा कि आज जेपीएससी की मुख्य परीक्षा हो रही है, छात्र आंदोलन कर रहे हैघ्ं परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई हैघ् इसे स्थगित करें, स्पीकर ने पक्ष-विपक्ष के विधायकों को एक-एक कर बोलने का मौका दिया, प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा रू सरकार बंदूक की नोक पर परीक्षा ले रही है,सरकार के पास असीम शक्ति है, छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है, छात्र दर-दर भटक रहे है,

कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत का कहना था कि छात्र आंदोलनरत है, उग्रवादी के साथ बात करते हैं, लेकिन छात्रों से बात नहीं कर रहे, यहां भी व्यापंम घोटाले की तैयारी है, झाविमो विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि सरकार हठधर्मिमा छोड़ कर परीक्षा स्थगित करे, सत्ता पक्ष के विधायक राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि जेपीएससी की परीक्षा में घोर लापरवाही हुई है, ऐसे विषय आ रहे हैं, जिससे लगता है कि अनिमितता बरती जा रही है, स्क्रूटनी की प्रक्रिया में जेपीएससी के अधिकारी शामिल है, किशोर ने कहा रू बाउरी कमेटी सदन से बनी थी, उसके प्रतिवेदन को हाउस में रखा जाना चाहिए, सत्ता पक्ष के निर्भय शाहबादी का भी कहना था कि बाउरी कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाय, पहली पाली में सरकार ने विधायी कार्य किसी तरह से पूरा किया, हो-हल्ला के बीच सदन में पिछड़ा वर्ग आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन मंत्री अमर कुमार बाउरी ने सदन के पटल पर रखा।

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