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जब मुर्दों के आने लगे फोन

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार देने के बाद हरियाणा और दूसरे राज्यों में भड़की हिंसा सुर्खियों में छाई हुई हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को पंचकुला में हुई हिंसा में मरने वालों के मोबाइल रात भर उनकी जेबों में ही बजते रहे. लाशों को पंचकुला सिविल अस्पताल ले जाया गया था जहां 17 शवों को लेने कोई नहीं पहुंचा. इन शवों की अभी तक पहचान भी नहीं हो सकी है. अस्पताल से जुड़े लोगों ने अख़बार को बताया है कि इनमें से दो शव महिलाओं के हैं जबकि एक शव 15-17 साल के किशोर का भी है.

 

एक और रिपोर्ट के मुताबिक पंचकुला में सात दिनों से लोग जुट रहे थे लेकिन प्रशासन पूरी तरह लापरवाह रहा. रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार सुबह साढ़े 11 बजे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार के महाधिवक्ता ने दावा किया था कि शहर के दो इलाक़ों को छोड़कर सभी जगहों से डेरा समर्थकों को हटा लिया गया है.
इस पर हाईकोर्ट ने सरकार से कहा था कि हिंसा, आगजनी और लूटपाट कर रहे लोगों से निबटने के लिए ज़रूरत पड़ने पर किसी भी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया जाए.
हाई कोर्ट के इस आदेश के तीन घंटे बाद ही बाबा को दोषी करार दिए जाने के बाद भीड़ बेकाबू हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्रवार को हुई हिंसा चौंकाने वाली नहीं थी क्योंकि फ़ैसले की तारीख़ आने के बाद से ही डेरा समर्थक पंचकुला में जुटने लगे थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार से बाबा गुरमीत राम रहीम को सज़ा सुनाने वाले सीबीआई जज जगदीप सिंह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है.
गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से कहा है कि जज जगदीप सिंह को उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाए. गृह मंत्रालय जज जगदीप सिंह को केंद्रीय बलों की सुरक्षा मुहैया कराने पर भी विचार कर रहा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक बलात्कार पीड़ित साध्वियों ने शपथ लेकर जो बयान सीबीआई जज के सामने दिए वही बाबा को दोषी क़रार दिए जाने का कारण बनें.
इन बयानों में साध्वियों ने कहा है कि बाबा गुरमीत राम रहीम डेरे की एक गुफ़ा में उनके और अन्य महिलाओं के साथ बलात्कार करते थे. बयानों में साध्वियों ने कहा है कि बलात्कार के दौरान बाबा गुरमीत अपने राजनीतिक प्रभाव और स्वयं के भगवान होने का बखान करते थे. अदालत में दिए गए बयानों के मुताबिक बाबा की गुफ़ा में सुरक्षा के लिए सिर्फ़ महिला गार्डों को ही तैनात किया जाता था.
बयानों में कहा गया है कि बाबा के हाथों बलात्कार के लिए ‘पिताजी से माफ़ी’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता था. यही नहीं ज़्यादातर पीड़िताएं बाबा से प्रभावित होकर आश्रम में ही रहती थीं. इनमें से अधिकतर के परिजन बाबा के पक्के भक्त थे.

 

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