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गाजियाबाद: बुजुर्ग से मारपीट के मामले में सपा कार्यकर्ता दिल्ली से गिरफ्तार

गाजियाबाद। मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट से जुड़े मामले में समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता को शनिवार को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि उसने एक बुजुर्ग को वीडियो में यह कहने के लिए उकसाया था कि गाजियाबाद के लोनी इलाके में चार युवकों ने उसे ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को कहा और उसकी दाढ़ी काट दी तथा मारपीट की।

गाजियाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लोनी बॉर्डर थाने में अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बुधवार से फरार उम्मेद पहलवान इदरीसी को शनिवार को दिल्ली से पकड़ा गया। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमित पाठक ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘दिल्ली में लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के पास से आरोपी उम्मेद पहलवान को गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने पकड़ा। दिल्ली में गिरफ्तार किए जाने के बाद आगे कार्रवाई के लिए उसे यहां लाया जा रहा है।’’

एक स्थानीय पुलिसकर्मी की शिकायत पर इदरीसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप लगाया कि ‘‘अनावश्यक’’ वीडियो बनाया था जिसमें अब्दुल शमद सैफी अपनी आपबीती बताते हैं। प्राथमिकी में कहा गया कि समाज में वैमनस्यता पैदा करने की मंशा से यह वीडियो बनाया गया और फेसबुक के अपने अकाउंट पर उसने यह साझा किया।

उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच रंजिश बढ़ाने), 295 ए (जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी समूह की धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर किया गया अपमान) और 505 (शरारत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि 16 जून को जमावड़ा करते हुए कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने के लिए बुलंदशहर जिले में उसके और 100 अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार शाम को एक प्राथमिकी दर्ज की गई। बुलंदशहर के निवासी सैफी ने 14 जून को अपने वीडियो में सांप्रदायिक आरोप लगाए थे। उन्होंने सात जून को गाजियाबाद पुलिस को एक शिकायत में कहा था कि पांच जून को चार लड़कों ने उसे अगवा कर लिया और गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक खेत में बने मकान में उन्हें बंधक बनाकर रखा और उनसे मारपीट की।

सैफी के सांप्रदायिक आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गाजियाबाद के एसएसपी पाठक ने पूर्व में कहा था कि मुस्लिम बुजुर्ग ने अपनी मूल शिकायत में किसी तरह के सांप्रदायिक आरोप नहीं लगाए थे। एसएसपी ने आशंका जतायी थी कि सांप्रदायिक आरोप लगाने के लिए सैफी को किसी ने भड़काया था।

गाजियाबाद के एसपी (ग्रामीण) ने कहा था कि पुलिस मामले में मुख्य आरोपी परवेज गुर्जर को सैफी से मारपीट के आरोप में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उन्होंने कहा था कि बुलंदशहर के एक व्यक्ति से ताबीज खरीदने को लेकर गुर्जर का सैफी के साथ विवाद चल रहा था। सैफी ने गुर्जर को एक ताबीज देते हुए दावा किया था कि इससे उसकी पारिवारिक समस्याएं दूर हो जााएंगी लेकिन ताबीज खरीदने के बाद भी गुर्जर के जीवन में परेशानियां चल रही थी और उसे संदेह था कि इसी ताबीज के कारण यह सब हो रहा था।

 

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