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कैलाश विजयवर्गीय: पश्चिम बंगाल में 100% लागू किया जाएगा एनआरसी, एक भी हिंदू को नहीं छोड़ना पड़ेगा देश

कोलकाता: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को पश्चिम बंगाल में ‘शत प्रतिशत’ लागू किया जाएगा और एक भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना पड़ेगा. बंगाल में भाजपा के रणनीतिकार विजयवर्गीय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का नाम लिए बिना कहा कि कुछ राजनीतिक दल और नेता एनआरसी पर भ्रम फैला कर आम लोगों के बीच डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘बंगाल में एनआरसी लागू होने को लेकर 100 फीसदी आश्वस्त रहें. लेकिन हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम बहुत जल्द संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने वाले हैं.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी को लागू किया जाएगा लेकिन किसी भी हिंदू को देश नहीं छोड़ना होगा. प्रत्येक हिंदू को नागरिकता दी जाएगी.’ विजयवर्गीय ने कहा कि ‘कुछ राजनीतिक दलों’ द्वारा लोगों में ‘दहशत फैलाने’ की कोशिश का कोई नतीजा नहीं निकलेगा. उन्होंने टीएमसी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘कुछ लोग हैं जो असत्य फैलाने और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.’ विजयवर्गीय ने कहा, ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान (मुस्लिम) के बहुसंख्यक समुदाय के लोग घुसपैठ करें, आतंक फैलाएं और हमारे नागरिकों की आजीविका छीन लें.’ उन्होंने कहा कि उन देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और अपने जीवन को बचाने के लिए भारत आ रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें तब तक चिंता करने की जरूरत नहीं है जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और अमित शाह गृहमंत्री हैं.

राज्य में एनआरसी लागू होने की अटकलों के बीच सैकड़ों लोग जन्म प्रमाण-पत्र और जरूरी दस्तावेज लेने यहां और पश्चिम बंगाल के तमाम अन्य हिस्सों में सरकारी एवं नगर निगम कार्यालयों के बाहर कतार में खड़े देखे जा रहे हैं. टीएमसी सरकार की ओर से इसे लागू नहीं करने के आश्वासन के बावजूद लोग भाग-दौड़ कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बार-बार पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू किए जाने की बात ने साफ तौर पर डर पैदा कर दिया है. भाजपा शासित असम में एनआरसी की अंतिम सूची से कथित तौर पर 12 लाख बंगालियों के नाम नहीं शामिल होने से इस डर में और इजाफा हो गया है. सरकारी सूत्रों का दावा है कि अफरा-तफरी के इस माहौल से राज्य में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है. असम की एनआरसी सूची से करीब 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नागरिक पंजी और नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर रखे सम्मेलन को संबोधित करने के लिए एक अक्टूबर को शहर का दौरा करेंगे. टीएमसी एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ रही है और इसे भाजपा का “बंगाली विरोधी” कदम बताती है.

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