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कर्नाटक मामले पर सीजेआई सख्त, पूछा- क्या सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं स्पीकर

बेंगलुरू : कर्नाटक में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस-जद (एस) के 10 विधायकों और कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष की याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार रहेगा, जिसमें उन्होंने इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने के लिए कहा है। कर्नाटक विधानसभा के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। विधायकों की तरफ से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि विधानसभा स्पीकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विधायक सुप्रीम कोर्ट क्यों गए थे, मैं तो यहां था मेरे पास आना था । उन्होंने कहा कि स्पीकर के खिलाफ अदालत को एक्शन लेना चाहिए। वो बार-बार कह रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा पढ़ना है, लेकिन एक लाइन के इस्तीफे में वह कितनी बार पढ़ेंगे। मुकुल रोहतगी ने कहा कि स्पीकर ने राजनीतिक वजह से हमारा इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया।

जिस पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि क्या विधानसभा स्पीकर सुप्रीम कोर्ट की अथॉरिटी को चैलेंज कर रहे हैं. क्या स्पीकर हमें ये कह रहे हैं कि अदालत को इससे दूर रहना चाहिए. भाजपा इसके बाद आज दोपहर से शुरू हो रहे 10 दिवसीय मानसून सत्र में गठबंधन सरकार के खिलाफ अपना अगला कदम तय कर सके। यहां पार्टी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यहां भाजपा प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने कहा, ष्हम बागी विधायकों के इस्तीफा स्वीकार करने का निर्देश देने तथा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनके इस्तीफों को स्वीकार करने के लिए और अधिक समय मांगने की याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, इस मामले की सुनवाई आज ही होनी है जिससे हम विधानसभा में अपने अगले कदम पर निर्णय ले सकें। चूंकि विधानसभा अध्यक्ष ने दिन में सिर्फ शोक संदेश की कार्यवाही का सूचीबद्ध किया है, तो फरवरी के बाद जिन-जिन नेताओं, मंत्रियों और प्रसिद्ध हस्तियों का निधन हुआ है, उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही 15 जुलाई तक स्थगित कर दी जाएगी।

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