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कड़ाके की ठंड से जमी देव कमरूनाग की झील, कपाट बंद किये गए बंद

शिमला: नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित अधिष्ठाता बड़ा देव कमरूनाग की पवित्र झील कड़ाके की ठंड से जम गई है। झील का पानी बर्फ की छह इंच मोटी चादर में बदल गया है। भारी ठंड के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। झील की सुरक्षा के लिए पहरेदार तैनात किए गए हैं। देवता के पूर्व कटवाल निर्मल सिंह ने कहा कि पर्यटक और श्रद्धालु बर्फबारी में कमरूनाग आने का जोखिम न उठाएं। झील के बारे में ऐसी मान्यता है कि भीम ने इस झील का निर्माण किया जो पाताल से जुड़ा हुआ है। इस झील के पास बाबा कमरुनाग का मंदिर है, जिसे वर्षा का देवता माना जाता है। बाबा के नाम से ही यह झील जानी जाती है। इस झील में श्रद्धालुओं को रुपये और सोने, चांदी के सिक्के चमकते नजर आते हैं। कहा जाता है कि इसमें करोड़ों का खजाना है।

कई लोग इस खजाने को पाने की हसरत लिए यहां आए लेकिन नाकामयाब हो गए। द्धालु बर्फबारी में कमरूनाग आने का जोखिम न उठाएं। झील के बारे में ऐसी मान्यता है कि भीम ने इस झील का निर्माण किया जो पाताल से जुड़ा हुआ है। इस झील के पास बाबा कमरुनाग का मंदिर है, जिसे वर्षा का देवता माना जाता है। बाबा के नाम से ही यह झील जानी जाती है। इस झील में श्रद्धालुओं को रुपये और सोने, चांदी के सिक्के चमकते नजर आते हैं। कहा जाता है कि इसमें करोड़ों का खजाना है। कई लोग इस खजाने को पाने की हसरत लिए यहां आए लेकिन नाकामयाब हो गए।

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