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ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां, आईसीयू और वेंटिलेटर की हर तरफ कमी, योगी सरकार के सभी दावे खोखले: अजय कुमार लल्लू

 
राहुल यादव, लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को सरकारी अस्पतालों सहित सरकार द्वारा घोषित किये गए कोविड फेसिलिटी सेंटर्स में स्वथ्य होने के लिये मिलने वाली सुविधाओं का पूरी तरह अभाव है। सरकार द्वारा ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देने के दावे में किसी तरह की सत्यता जमीन पर नही दिखायी दे रही है। होम आइसोलेशन के गम्भीर मरीजों को ऑक्सीजन व दवाएं उपलब्ध नही हो पा रही हंै। उसके बाद भी योगी सरकार झूठे दावे करने से बाज न आते हुए जनता को गुमराह कर रही है। सरकार की अनदेखी के कारण हर तरफ मौत का मातम है। कोरोना संक्रमण और नान कोविड के गम्भीर मरीजों को समय से इलाज उपलब्ध न होने से हो रही मौतें राज्य की योगी सरकार की निष्क्रियता का परिणाम है और सरकार मौतों के लिये सीधे जिम्मेदार है।

 अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार के संक्रमण को नियंत्रित करने के सभी दावो को खारिज करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थितियां विकराल रूप धारण कर चुकी है। राजधानी लखनऊ सहित सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में श्मशान और कब्रस्तान  इसकी गवाही दे रहे हैं कि परिवार के परिवार मातम में डूबे हुए हैं। ऑक्सीजन के लिये लंबी लंबी लाइनें बता रही हैं कि सरकार के स्तर पर किया जा रहा प्रयास कहीं दिखायी नहीं दे रहा है। प्राइवेट हॉस्पिटल कोविड फेसिलिटी सेंटर में बदले जरूर गए किन्तु वहां न तो वेंटिलेटर है, न ऑक्सीजन न आईसीयू की व्यवस्था हैै। ऐसे अस्पतालों में भेजे जा रहे मरीज भगवान भरोसे हैं या सुविधाआंे के अभाव में काल के गाल में समा रहे हैं। राज्य सरकार और उसकी व्यवस्था पूरी तरह अपंग दिखायी दे रही है। अधिकारी अभी भी फोन नहीं उठा रहे हैं। पूरे प्रदेश को संकटमय बनाने में राज्य सरकार की  नकारात्मक भूमिका स्प्ष्ट रूप से सबके सामने आ चुकी है।

अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के हवा हवाई दावों और वादों का धरातल पर कहीं असर नही दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के पिछले चरण के मुकाबले 30 गुना अधिक फैलाव और मौतों की जिम्मेदारी राज्य की योगी सरकार पर है उससे यह बचने के लिये कितने भी झूठे दावे करे उसको जनता किसी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

डबल म्यूटेंट वायरस की दूसरी लहर में हर तरफ हाहाकार, चीत्कार के बाद भी चिकित्सकों व चिकित्सा वैज्ञानिकों की सलाह को जिस तरह अनदेखा किया गया है उसने अप्रैल में प्रलय ढहा दिया है। अभी भी वैज्ञानिकों व चिकित्सकांे का कहना है कि मई माह में संक्रमण का प्रकोप अपने चरम पर होगा। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि पिछले वर्ष अनलॉक होने के बाद मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम इलेवन कहाँ थी? उन्होने अब तक के समय मे क्या तैयारियाँ की थीं? और अगले माह मई माह के लिये उनकी क्या तैयारियाँ है? उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री जी व उनके मंत्रिमंडल को जमीनी सच्चाई का पता लगाकर व्यवस्था करनी चाहिये उनकी आक्सीजन एक्सप्रेस अभी भी ऑक्सीजन प्रदेशवासियों को उपलब्ध नहीं करा पा रही है। ऐसे में सरकार के दावों पर कैसे और कब तक विश्वास किया जाए? सरकार लोगों को मौत के आगोश में सोने के लिये विवश कर रही है जिसे बर्दास्त करना अब सम्भव नहीं हो रहा है।

 अजय कुमार लल्लू ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि संक्रमण के संकट काल मे वह बयानबाजी करने के स्थान पर जमीन पर आकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने व लापरवाह ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाने का काम करे और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने व ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रोकथाम के लिये युद्धस्तर पर कार्ययोजना बनाकर ठोस काम करे।

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