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लखनऊ: एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा के आरोपियों से साढ़े 69 लाख वसूली के दिए आदेश

लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 19 दिसम्बर को ठाकुरगंज और कैसरबाग क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से वसूली आदेश जारी हुआ है। ठाकुरगंज से 10 और कैसरबाग से छह आरोपियों को दोषी मानते हुए कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपए हर्जाना तय किया गया है।

इनमें शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अबास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का नाम भी शामिल है। इन 16 लोगों से सरकारी और निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान की वसूली की जाएगी। आरोपियों को 30 दिन में यह धनराशि जमा करनी होगी।

यह धनराशि इन सभी से या इनकी सम्पत्ति से संयुक्त रूप से वसूली जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति पूरे अर्थदंड के लिए व्यक्तिगत रूप से व समस्त समूह सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं। मंगलवार को एडीएम सिटी पश्चिम और एडीएम टीजी विश्वभूषण मिश्रा की कोर्ट से यह निर्णय सुनाया गया है। एडीएम ने शुभम सिनेमा, कैसरबाग में हुए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की सम्पत्तियों को हुई क्षति का कुल मूल्यांकन एक लाख 75 हजार रुपए किया गया है।

इसी तरह सतखंडा, हुसैनाबाद में हुए सम्पत्तियों की क्षति का मूल्यांकन 67 लाख 73 हजार 900 रुपए किया गया है। यदि आठ अप्रैल तक धनराशि जमा नहीं होती है तो आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क कर के वसूली की जाएगी। आदेश के अनुसार ठाकुरगंज में 14 और कैसरबाग में 15 आरोपी बनाए गए थे। ठाकुरगंज में चार और कैसरबाग में 9 आरोपियों पर सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध नहीं हुआ।

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