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एक हजार साल पुराने बौद्ध मठ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है कारण

शिमला: एक हजार साल पुराने लाहौल-स्पीति जिले के ऐतिहासिक कीह बौद्ध मठ में धार्मिक शिक्षा की गतिविधियां चला रही सोसाइटी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दलाईलामा के गेलुग्पा सेक्ट से संबंधित इस गोंपा को तीन साल में मिले विदेशी फंड का ब्योरा सोसाइटी ने नहीं दिया। गृह मंत्रालय ने इसी को लेकर जवाब तलब किया है। यह मठ चीन सीमा के निकट है। स्पीति घाटी के काजा में स्थित इस गोंपा में धार्मिक शिक्षा और शोध का संचालन कर रही बुद्धिस्ट कल्चरल सोसाइटी ऑफ कीह गोंपा अब मंत्रालय से आए नोटिस पर जवाब तैयार कर रही है।

इस सोसाइटी ने वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में विदेशों से आए फंड का ब्योरा नहीं दिया। कीह गोंपा में बौद्ध धर्म की शिक्षा-दीक्षा होती है। इसमें वर्तमान में करीब 160 लामा अध्ययन और शोध कार्यों में जुटे हैं। यह समुद्र से 4,166 मीटर की ऊंचाई पर है। यह गोंपा बौद्ध धर्म के प्रचारक द्रोमटोन ने 11वीं सदी मेें खोला। इस पर शकों, मंगोलों आदि ने हमले किए। यह गोंपा दुनिया में वास्तुकला का अनूठा नमूना है। दुनिया भर के पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पिछले साल ही गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर इस गोंपा की झांकी दिखाई जा चुकी है।

‘हम केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले नोटिस का जवाब दे रहे हैं। विदेशों से हमें जो भी मदद मिलती है, उसका हम ऑडिट करते हैं। सब पारदर्शी तरीके से होता है। हमने सीए को जवाब देने को कहा है नियम यह है कि जो भी संस्था फोरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत हो, उसे त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को विदेशी मदद की जानकारी देनी होती है।

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