Breaking News

आगरा में ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट और झांसी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) शुरू


राहुल यादव, लखनऊ।शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित उद्घाटन समारोह में महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने कोच अनुरक्षण डिपो आगरा कैंट में स्थापित स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट और झांसी स्टेशन के पास स्थापित प्लग एंड प्ले टाइप पैकेज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन किया।वाशिंग लाइन आगरा कैंट में ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट लगाया गया जो यात्री कोच के बाहरी सतह को बेहतर और एक जैसी सफाई के लिए 12 चरणों वाले  स्वचालित वाशिंग इकाइयों से सुसज्जित है। इस मशीन के बेलनाकार ब्रश, क्लीनिंग केमिकल की उपयुक्त डोजिंग और चरणबद्ध सफाई यूनिट मिलकर बिना किसी मानव श्रम के उत्तम सफाई सुनिश्चित करते हैं । मशीन मे लगा सेंसर इसके चलने का सही समय निर्धारित करता है और यह स्टॉक के प्रकार यानी कोच, लोकोमोटिव आदि का भी पता लगाता है। यह प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि कोचिंग रेक के प्लेसमेंट के लिए उपयोग किए जाने वाले शंटिंग लोकोमोटिव के इंजन पर पानी का छिड़काव और उससे नुकसान ना हो । यह स्वचालित कोच वाशिंग प्लांट पानी की खपत को काफी कम कर देता है क्योंकि पारंपरिक सफाई प्रक्रिया में प्रति कोच लगभग 1000 लीटर खपत के मुकाबले बाहरी सफाई के इस मशीन द्वारा प्रति कोच केवल 300 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। और इसका इनबिल्ट एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट इस मशीन में उपयोग किए जाने वाले लगभग 80 प्रतिशत पानी को रीसाइकिल करता है जिससे. पानी की खपत अत्यंत काम हो जाती है। इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए मण्डल रेल प्रबंधक आगरा एस के श्रीवास्तव ने कहा कि एसीडब्ल्यूपी 8 किमी प्रति घंटा तक की स्पीड तक रेक की सफाई करने में सक्षम है और एसीडब्ल्यूपी का उपयोग करते हुए 24 कोच के रेक को साफ करने में केवल 05 मिनट लगते हैं ।

महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए आगरा मंडल की सराहना की और पर्यावरण के अनुकूल और गुणवत्तापूर्ण सफाई सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के एसीडब्ल्यूपी को सभी वाशिंग लाइनों पर स्थापित किए जाने के लिए निर्देशित किया ।इसके उपरांत झांसी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे कॉलोनी में स्थापित 02 प्लग एंड प्ले टाइप पैकेज्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का उद्घाटन भी महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने किया। 100000 लीटर की कुल स्थापित क्षमता के साथ, इन इकाइयों का उपयोग अपशिष्ट जल को रीसाइकिल करने के लिए किया जाएगा और उपचारित पानी का उपयोग बागवानी, सफाई आदि में किया जाएगा। पैकेज्ड एसटीपी के लिए उत्तर मध्य रेलवे पर अपनाई जाने वाली डिजाइन प्लग और प्ले टाइप है और इसे स्थापित करने के लिए न्यूनतम स्थान और समय की आवश्यकता होती है और इस संयंत्र से उपचारित पानी के सभी पैरामीटर पीने के पानी के लिए निर्दिष्ट सीमा के भीतर हैं। मण्डल रेल प्रबंधक झांसी संदीप माथुर ने इस कॉम्पैक्ट ट्रीटमेंट प्लांट के उपयोगिताओं पर प्रकाश डाला और इन संयंत्रों के आस पास की जगह के समग्र विकास के लिए किए गए कार्यों को साझा किया ।
प्रमुख मुख्य यांत्रिक अभियंता कुंदन कुमार, प्रमुख मुख्य अभियंता शरद मेहता और उपस्थित अन्य विभागाध्यक्षों ने दोनों मंडलों को बधाई दी और जल संरक्षण के प्रयासों को और तेज करने पर जोर दिया। प्रधान वित्त सलाहकार अजय माथुर ने सीवेज के पानी के रिसाइकल से अर्जित बचत का लेखा-जोखा रखने का सुझाव दिया।  महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए झांसी मंडल की सराहना की।  चौधरी ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण करना हमारा कानूनी और नैतिक कर्तव्य है और इस प्रयास में एसटीपी स्थापित करना महत्वपूर्ण कार्य है। महाप्रबंधक ने दोनों आगरा और झांसी मंडल द्वारा इन कार्यों के सफलतापूर्वक सम्पादन के लिए समूह पुरस्कारों की भी घोषणा की। जल संरक्षण में महाप्रबंधक राजीव चौधरी के मार्गदर्शन से उत्तर मध्य रेलवे ने एसटीपी और ईटीपी की स्थापना, तालाबों की खुदाई, वर्षा जल संचयन, जल उपभोग ऑडिट और अन्य संरक्षण उपायों के माध्यम से इस दिशा में अग्रणी प्रयास किए हैं । उत्तर मध्य रेलवे में स्थापित जल रिसाइकलिंग क्षमता लगभग 25 लाख लीटर प्रतिदिन है और इस रेलवे ने पिछले एक वर्ष में 15 करोड़ लीटर से अधिक पानी को रिसाइकल किया है। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय कार्यालय परिसर एक नेट जीरो डिस्चार्ज इकाई है और पैकेज्ड प्लग और प्ले टाइप एसटीपी के माध्यम से 100 प्रतिशत जल को रिसाइकल करता है।

Loading...

Check Also

उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (महिला विंग) ने किया एक दिवसीय हेल्थ चेक अप कैम्प का आयोजन

अनुपूरक न्यूज एजेंसी, लखनऊ। उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन लखनऊ मण्डल की मण्डल महिला विंग द्वारा ...