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IPO में खुदरा निवेशकों की भागीदारी 25% बढ़ी, इस हलचल पर सेबी ने चेताया

भारतीय बाजार में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ लाने की होड़ लगी हुई है। भरोसेमंद कंपनियों के आईपीओ को सस्ते में देखकर खुदरा निवेशक भी जमकर निवेश कर रहे हैं। एक साल में प्रति आईपीओ निवेशकों की औसत संख्या 25 फीसदी बढ़कर 15 लाख के पार पहुंच गई है।

पिछले एक साल में करीब 38 आईपीओ भारतीय बाजार में सूचीबद्ध हो चुके हैं। इसमें से 34 कंपनियों के शेयर भाव अपनी सूचीबद्धता की कीमत से ऊंचे चल रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए यह फायदे का सौदा साबित हो रहे हैं।

आईआईएफएफल के उपाध्यक्ष (करेंसी एंड कमोडिटी) अनुज गुप्ता का कहना है कि वर्तमान समय में जो डीमैट खाते खुल रहे हैं उन निवेशकों की नजर आईपीओ पर है। उनका कहना है कि पिछले एक साल में आए आईपोओ ने मोटा रिटर्न दिया है। उदाहरण के लिए जीआर इन्फ्रा और क्लीन साइंस के शेयर करीब 100 फीसदी ऊंचे दाम पर सूचीबद्ध हुए।

ऐसे में जिन निवेशकों को आईपीओ मिला उन्हें एक दिन में 100 फीसदी का रिटर्न मिला। उनका कहना है कि इससे हुई कमाई का उपयोग ज्यादातर नए निवेशको दूसरे आईपीओ के लिए करेंगे। आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में 6.5 करोड़ डीमैट खाते हैं जिसकी संख्या बढ़कर अगले साल 12 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है।

  • 12 आईपीओ मार्च से लेकर अब तक आए, लगातार खुदरा निवेशकों की भीगीदारी बढ़ी
  • 25 फीसदी की वृद्धि के साथ प्रत्येक आईपीओ में खुदरा निवेशकों की संख्या बढ़कर 15.68 लाख हुई
  • 12.73 लाख ने वित्त वर्ष 2021 में निवेश किया था आईपीओ में
  • 03 से 05 लाख मात्र निवेश करते थे आईपीओ में 2007-08 के दौरान
  • कंपनी अवधि राशि खुदरा निवेशक
    • तत्व चिंतन फॉर्मा जुलाई 2021- 500 करोड़ 32.50
    • जोमैटो जुलाई 2021- 9375 32.14 करोड़
    • इंडिगो पेंट जनवरी 2021- 11.69 25.88 करोड़
    • एमटीएआर टेक्नोलॉजी मार्च- 2021 596 करोड़ 25.87
    • क्लिन साइंस जुलाई 2021- 1547 करोड़ 23.50
    • जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट जुलाई- 2021 962 करोड़ 20.85
    • नजारा टेक्नोलॉजी मार्च- 2021 583 करोड़ 20.83
    • लक्ष्मी ऑर्गेनिक मार्च- 2021 600 करोड़ 20.81
    • एसबीआई कार्ड्स मार्च- 2020 10341 करोड़ 26.95
    • मि.बेक्टर फूड दिसंबर- 2020 583 करोड़ 20.83
    • मझगांव डॉक सितंबर- 2020 444 करोड़ 23.56
    • एचडीएफसी एमएमसी जुलाई 2018 2800 करोड़ 23.30 (खुदरा निवेशक लाख में, राशि करोड़ रुपये में)
    • प्रति आवेदक हर साल बढ़ रही खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी
    • वित्त वर्ष हिस्सेदारी (लाख में)
    • 2019- 6.13 लाख
    • 2020- 6.88 लाख
    • 2021- 12.73 लाख
      • 2022-15.68 लाखबाजार नियामक सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने पिछले दिनों कहा कि देश के प्रतिभूति बाजार में निवेशकों की रूचि बढ़ने का प्रमुख कारण मौजूदा कम ब्याज दर और पर्याप्त नकदी उपलब्धता है। त्यागी ने आगाह करते हुए कहा कि नकदी में कमी या ब्याज दर बढ़ने से बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि घरेलू प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की रूचि तेजी से बढ़ी है और अप्रैल-जून के दौरान हर महीने 24.5 लाख डिमैट खाते खाले गए हैं। वहीं वित्त वर्ष 2021 में हर मार औसतन 12 लाख डिमैट खाते खुले।
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