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यूएमआरसी की कोरोना से जंग अभी भी है जारी

राहुल यादव, लखनऊ।लखनऊ मेट्रो में जहाँ एक तरफ दिन प्रतिदिन यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है वही दूसरी ओर मेट्रो भी कोरोना से बचाव के लिए अपने परिसर व ट्रेन के अंदर पूरी सावधानी, साफ-सफाई के साथ नित-प्रतिदिन कार्य कर रही है। मेट्रो के प्रबंध निदेशक, कोरोना के शुरुआती दौर से ही मेट्रो परिसर में यात्रियों के संपर्क में आने वाले स्थानों जैसे टिकट काउंटर्स, एएफ़सी गेट, टीवीएम मशीनों, प्रवेश-निकास द्वारों की सफ़ाई का विशेष जायज़ा लेते रहे हैं ।मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वारों से लेकर टिकट काउंटर, एस्क्लेटर्स, लिफ्ट्स इत्यादि को डिसइंफेक्टेंट से हर दो घंटे के अंतराल में साफ़ करवाया जाता है। वहीं मेट्रो रेल को ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में यूवी (अल्ट्रावायलेट) किरणों से भी साफ करने के पश्चात ही मेन लाइन पर संचालन के लिए लाया जाता है।  


लखनऊ मेट्रो में आ रहे सभी यात्रियों को स्टेशन के अंदर प्रवेश करते ही उनके मुख पर मास्क को पहने रहना और शरीर का तापमान की जांच कर, सामान्य पाए जाने पर मेट्रो परिसर में जाने की अनुमति दी जाती है जिसके कारण लखनऊ मेट्रो के यात्रियों में भी एक संतोष का भाव हर समय बना रहता है। इसके साथ ही मेट्रो के अधिकारी भी स्टेशनों का दौरा कर व्यवस्था पर अपनी नजर बनाए रखे रहते हैं।


उत्तर  प्रदेश मेट्रो के प्रबंध निदेशक  कुमार केशव ने मेट्रो से यात्रा कर रहे सभी यात्रियों को आश्वासन दिया है की लखनऊ मेट्रो, प्रदेश की राजधानी में चल रहे सभी परिवहनों में सबसे सुरक्षित यात्रा का साधन है।उन्होंने सभी यात्रियों से अपील की है कि यात्रा करते समय कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के लिए अपने आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। 
प्रबंध निदेशक ने कहा कि लखनऊ मेट्रो ही नहीं उत्तर प्रदेश मेट्रो से जुड़े सभी प्रोजेक्ट जैसे की कानपुर मेट्रो, आगरा मेट्रो में भी नित-प्रतिदिन साफ़ सफाई की पूरी व्यवस्था रखी गयी है। मेट्रो परिसर में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों के साथ-साथ यात्रियों को भी दो गज की दूरी के साथ मास्क पहना अनिवार्य है। 


भारत में कोरोना की चुनौती के साथ-साथ नए-नए आविष्कार भी सामने आ रहे है जिसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी भी मिल चुकी है। इन्हीं अविष्कारों में से एक था अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से मेट्रो ट्रेन के कोच को सैनेटाइज करने वाला यन्त्र। एक यन्त्र जोकि अल्ट्रा वॉयलेट (पराबैंगनी) किरणों से एक ट्रेन को मात्र 30 मिनट में सैनेटाइज करता है। मेट्रो का उपयोग कर रहे यात्रियों की ज्यादा सुरक्षित यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश मेट्रो के प्रबंध निदेशक ने इस तकनीक को लखनऊ मेट्रो में लागू किया है। 


जनवरी 2021 में इसके प्रयोग के बाद लखनऊ मेट्रो, कोच को सैनेटाइज करने वाली भारत की पहली मेट्रो सेवा बन गई है। यात्रियों को मेट्रो से सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कराने की दिशा में यह एक अभूतपूर्व कदम है।

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