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बिकरु कांड की जांच के लिये पूर्व न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में गठित आयोग, दो माह में देगा रिपोर्ट

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।उत्तर प्रदेश सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा अंजाम दिए गए बिकरू कांड और उसके बाद विकास दुबे समेत उसके अन्य साथियों के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिए एकल जांच आयोग का गठन किया है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल इस आयोग के अध्यक्ष होंगे। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा और इसका कार्यकाल फिलहाल दो महीने तय किया गया है। इस संबंध में अधिसूचना रविवार को जारी कर दी गई। अधिसूचना में कहा गया है कि बिकरू गांव की घटना और उसके बाद 3 जुलाई से 10 जुलाई की अवधि के दौरान इस प्रकरण से संबंधित विभिन्न स्थानों पर पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ एक लोक महत्व का विषय है। इस कारण इस संबंध में जांच करना आवश्यक है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग विकास दुबे तथा उसके सहयोगियों के द्वारा गत 2/3 जुलाई की रात्रि बिकरू गांव में अंजाम दी गई उस घटना की गहनता से जांच करेगा, जिसमें सीओ आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई थी तथा छह अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए थे।आयोग गत 10 जुलाई को पुलिस एवं विकास दुबे के बीच हुई मुठभेड़ की भी गहनतापूर्वक जांच करेगा। इसके साथ ही आयोग दिनांक 2/3 जुलाई से लेकर 10 जुलाई के बीच पुलिस और इस प्रकरण से संबंधित अपराधियों के बीच हुई प्रत्येक मुठभेड़ की भी गहनतापूर्वक जांच करेगा। आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस तथ अन्य विभागों या व्यक्तियों से दुरभिसंधि की भी जांच करेगा और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा। प्रवक्ता ने बताया कि आयोग इन बिंदुओं से संबंधित किसी अन्य पहलू का भी गहनता से परीक्षण करेगा। इसके अलावा आयोग राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट अन्य बिंदुओं की भी जांच करेगा। आयोग अधिसूचना जारी किए जाने की तिथि से दो माह की अवधि में अपनी जांच पूरी कर लेगा। इसकी अवधि में किसी प्रकार का परिर्वतन सरकार के आदेश से किया जाएगा।

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