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बाहरी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने से यहां काम करने वाले 17 लोगों की मौत

नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार शाम एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग लगने से यहां काम करने वाले 17 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में फैक्‍ट्री मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया है. मनोज जैन ने पूछताछ में बताया है कि यह फैक्‍ट्री एक जनवरी से किराए पर ली थी और वह बड़े पैमाने पर होली और स्‍टेज शो के लिए बड़े पैमाने पर पटाखों की पैकिंग करवा रहा था. वहीं  उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि बवाना हादसे की जांच प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को दे दी गई है.इस हादसे में 17 लोगों की मौत हुई है जिसमें 9 महिलाएं और 1 नाबालिग लड़की भी शामिल है, जबकि 7 पुरुषों की भी मौत हो गई है. वहीं इस हादसे में 1 महिला और एक पुरुष बुरी तरह झुलस गए. दिल्ली सरकार ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है. दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायल हुए लोगों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है. हादसे में मरने वाले पांच लोगों की पहचान अभी तक हो चुकी है और इसमें अधिकतर लोग यूपी के सीतापुर के रहने वाले है.

जिन शवों की पहचान हुई है 
बेबी देवी (40 वर्ष)
अफसाना (35 वर्ष)
सोनम (23 वर्ष)
रीता (18 वर्ष)
मदीना (55 वर्ष)
रज्‍जो (65 वर्ष)
धर्मा देवी (45 वर्ष)

इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी फैक्ट्री मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक मनोज ने प्लास्टिक के दाना बनाने की फैक्ट्री के नाम पर लाइसेंस लिया था लेकिन वो बाहर से पटाखे मंगाकर यहां उनकी पैकिंग करवाता था. फैक्ट्री में हादसे के वक्‍त काफी ज्यादा पटाखे थे इसलिए आग एकदम फैली और सभी इसकी चपेट में आ गए.

पुलिस और दमकल विभाग के मुताबिक शनिवार शाम 6:21 बजे उन्हें कॉल मिली कि बवाना इंडस्ट्रियल एरिया के सेक्टर 5 में एक फैक्ट्री में आग लगी है ,जैसे ही मौके पर दमकल की करीब 15 गाड़ियां पहुंची और स्थानीय पुलिस पहुंची तो पता चला कि ये फैक्ट्री तीन मंजिला है और आग तीनों फ्लोर तक पहुंच चुकी है. दमकल विभाग ने करीब 1 घन्टे की मशक्कत के बाद आग पर तो काबू पा लिया लेकिन उस वक़्त फैक्ट्री में जो भी था वो आग की चपेट में आ गया. कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए ऊपर से कूद गए.

कई लोग इतनी बुरी तरह जल गए कि उनके शव की पहचान तक नहीं हो सकी है. ज्यादातर मृतक यूपी और बिहार के रहने वाले हैं. 13 लोगों की मौत पहली मंजिल, 3 लोगों की ग्राउंड फ्लोर और एक बेसमेंट में हुई।

मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए रोहिणी के डॉ.अंबेडकर हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखा गया है. शाम से ही मृतकों के परिजन अम्बेडकर हॉस्पिटल अपने परिजनों के शवो को देखने पहुंचे थे, लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन ने शवों की पहचान और पोस्टमॉर्टम का हवाला देते अभी इंतज़ार करने को कहा है इसलिए परिजनों की हॉस्पिटल कर्मचारियों से कहासुनी भी हो हुई.

वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आग में कई लोगों की मौत होने पर दुख जताते हुए कहा कि वह बचाव अभियानों पर ‘‘करीबी नजर’’ रखे हुए हैं. केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘कई लोगों के मारे जाने के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. बचाव अभियान पर करीबी नजर रख रहा हूं.’’

पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) रजनीश गुप्ता ने बताया कि मनोज जैन नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा गया है.  एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैन एक अन्य व्यक्ति के साथ साझेदारी में यह फैक्ट्री चला रहा था लेकिन इस बात की जांच की जा रही है उसने यह जगह खरीदी थी या इसे किराए पर लिया था.  दिल्ली दमकल सेवा के निदेशक जी सी मिश्रा ने बताया कि इस इमारत में बेसमेंट, भूतल और दो मंजिलें हैं. उन्होंने बताया, ‘‘एक शव बेसमेंट से बरामद किया गया, तीन भूतल से और 13 शव पहली मंजिल से बरामद किए गए. खुद को बचाने के लिए एक व्यक्ति दूसरी मंजिल से कूद गया और उसे फ्रैक्चर हुआ है.’’  मिश्रा ने बताया कि आग पर रात 9:20 बजे तक काबू पा लिया गया लेकिन तलाश और बचाव अभियान चल रहा है.

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