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CM जयराम के मंडी जिले समेत गृह जिलों की सड़कों की हालत खस्ता, 98 पंचायतों में नहीं पहुंची सड़कें, लोग पैदल चलने को मजबूर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाईवे, राज्य सड़क मार्ग, जिला की सड़कों और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की हालत दयनीय है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मंडी जिले समेत अन्य मंत्रियों के गृह जिलों की सड़कों की हालत भी खस्ता है। यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य नेताओं के हलकों के भी हैं। सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। ज्यादातर सड़कें संकरी और गड्ढों वाली हैं। किनारों पर रेलिंग न होने से सड़क हादसे हो रहे हैं। हिमाचल में हर महीने ढाई सौ के करीब वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के चलते पार्टियां सड़कों की दयनीय हालत पर एक-दूसरे पर आरोपों की छींटाकशी करती हैं,

लेकिन वास्तव में इन्हें दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई जाती है। शिमला-कांगड़ा नेशनल हाईवे में जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं। इसी तरह सुजानपुर से जयसिंहपुर की ओर जाने वाली सड़क से सफर करना जोखिम भरा है। जिला मंडी के राज्य मार्ग तत्तापानी से करसोग और तत्तापानी से बिंदला जाने वाली सड़क में सफर करना खतरे से खाली नहीं है। पांगणा, जाछ और पंडार की सड़कों में भी जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं। राजधानी शिमला की बात करें तो यहां भी लिंक रोड की हालत दयनीय है। प्रदेश सरकार सड़कों को दुरुस्त करने के बजाय प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता को सेवा विस्तार देने में लगी है।

हिमाचल सरकार सड़कों की हालत सुधारने के बजाय प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता को सेवा विस्तार देने जा रही है। कांग्रेस पार्टी के महासचिव नरेश चौहान का कहना है कि नौकरी पर रहते हुए जब सड़कों की हालत नहीं सुधारी गई तो सेवा विस्तार लेने पर सड़कों की हालत सुधार पाएंगे। इस पर सवालिया निशान है। हिमाचल की 98 पंचायतें ऐसी हैं जो सड़क सुविधा से नहीं जुड़ी हैं। प्रदेश में वर्तमान और पूर्व सरकारों ने 3226 पंचायतों में से 3128 पंचायतों को मोटर वाहनों से जोड़ा है। 59 पंचायतों में निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है जबकि 39 पंचायतें ऐसी हैं, जहां काम नहीं किया गया है।

राज्य सरकार ने 750 किलोमीटर वाहन योग्य नई सड़कों का निर्माण, 1500 किलोमीटर सड़कों को पक्का करने, 850 किलोमीटर लंबी सड़कों पर पुल बनाना और 50 पुलों की अधोसंरचना के माध्यम से 50 नए गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। हिमाचल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लेकर आए। इसी से गांव सड़कों से जुड़े, विकास की रफ्तार बढ़ी। आगे भी इसी योजना में सड़कें बन रही हैं। इतने लंबे शासनकाल तक सत्ता में रही कांग्रेस की इन सड़कों को बनाने के मामले में कोई भूमिका नहीं रही है। – शशिदत्त शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, हिमाचल भाजपा हिमाचल में सड़कों की हालत दयनीय है। भाजपा सरकार लोक निर्माण विभाग के अफसरों के सेवा विस्तार देने की तैयारी कर रही है। राज्य सड़क मार्ग, जिला और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों की दशा खराब है। प्रदेश सरकार के चहेतों को सेवा विस्तार के बजाय सड़कों को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए।

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