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सेना चिकित्सा कोर में ‘फ्यूचर परस्पेक्टिव एण्ड ग्लोबल ट्रेंड्स इन काॅम्बैट मेडिकल सपोर्ट – एएफएमएस – द वे अहेड’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ : लखनऊ छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के ‘अधिकारी प्रशिक्षण काॅलेज [ओटीसी] के स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में ‘फ्यूचर परस्पेक्टिव एण्ड ग्लोबल ट्रेंड्स इन काॅम्बैट मेडिकल सपोर्ट – एएफएमएस – द वे अहेड’ विषय पर मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह अशोक चक्र प्रेक्षागृह में 09 से 10 अगस्त 2018 तक दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया।सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के ‘अधिकारी प्रशिक्षण काॅलेज [ओटीसी ] सशस्त्र बल का एक प्रतिष्ठित संस्थान है जहां चिकित्सा सैन्यधिकारी, दन्त चिकित्सा सैन्यधिकारी, लाॅजिस्टिक सैन्यधिकारी एवं नर्सिंग सैन्यधिकारी को प्रशिक्षण दिया जाता है । दो दिवसीय इस कार्यक्रम का शुभारम्भ सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के युद्ध स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह के आयोजन के साथ हुआ जहाॅं वरिष्ठ
सैन्यधिकारियों ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।तदोपरांत दो दिवसीय सतत् चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का उद्घाटन 09 अगस्त 2018 को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के महानिदेशक [ डीजीएएफएमएस ] ले0 जनरल बिपिन पुरी द्वारा पारंपरिक रूप से ई-लैंप प्रज्जलित कर किया गया। इस अवसर पर सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के सेनानायक एवं एएमसी अभिलेख प्रमुख ले0 जनरल अनुप बनर्जी ने सत्त चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में देशभर से आये 100 से अधिक थलसेना, वायु सेना एवं नौसेना चिकित्सा सेवाओं के वरिष्ठ सैन्यधिकारियों सहित सेवारत चिकित्सकों, नर्सों एवं अधिकारी प्रशिक्षण काॅलेज के सेवानिवृत सैन्यधिकारियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अधिकारी प्रशिक्षण काॅलेज के 50 वर्षों के शानदार इतिहास पर आधारित एक वृतचित्र भी प्रदर्षित किया गया तथा समारोह के उपलक्ष्य में ई-विवरणिका का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर थल सेना चिकित्सा सेवाओं के कार्यकारी महानिदेशक ले0 जनरल यूके शर्मा ने अपने उद्घाटन भाषण में अधिकारी
प्रशिक्षण काॅलेज जो आधारभूत ज्ञान का एक केन्द्र है, की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्ष 1957 में एक अधिकारी प्रशिक्षण विंग के रूप में प्रादुर्भाव में आने के बाद से इस संस्थान द्वारा सशस्त्र चिकित्सा सैन्यधिकारियों एवं नर्सिंग सैन्यधिकारियों को पूरी अनुशासन के साथ प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
09 अगस्त 1969 में यह आॅफीसर्स ट्रेनिंग स्कूल बना जो बाद में काॅलेज के रूप में उच्चीकृत हुआ। ले0 जनरल यूके शर्मा ने काॅलेज द्वारा अपनाये जा रहे प्रशिक्षण संसाधनों एवं कौशल प्रशिक्षण की प्रशंसा की। अपने संक्षिप्त भाषण में ले0 जनरल बिपिन पुरी ने वर्तमान व भविष्य के काॅम्बैट चिकित्सा पद्धतियों पर अपने विचार रखे । ले0 जनरल पुरी ने सेना चिकित्सा कोर के आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ के संदेश का उल्लेख करते हुए रोगमुक्त बनाने में इस कोर की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने सभी सैन्यचिकित्सकों को कोर के आदर्श वाक्य को अपनाते हुए अपने कर्तव्य निर्वहन पर जोर दिया।

सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के अधिकारी प्रशिक्षण काॅलेज के सेनानायक एवं मुख्य अनुदेशक मेजर जनरल नरदीप नैथानी ने अपने समापन भाषण में दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर हुई चर्चा को भविष्य के लिए बेहतर बताया। समारोह के अंतिम दिन ले0 जनरल बिपिन पुरी को सेना चिकित्सा कोर के स्टेडियम में एक भव्य ‘सम्मान गारद’ दिया गया जहाॅं सेना चिकित्सा कोर के सैनिकों ने अपने आकर्षक कदमताल का प्रदर्शन करते हुए सैन्य परंपराओं के अनुरूप अनुशासन एवं प्रशिक्षण का परिचय दिया।

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