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लगातार हो रही बारिश से बढ़ा नदियों का जलस्तर, अब तक 90 से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत, बारिश के चलते तीन दिन बाद खुले स्कूल

लखनऊ। बारिश का पानी परेशानी बन गया है। लगातार हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। हर तरफ पानी ही पानी है। गंगा सहित राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते अब तक उत्तर प्रदेश में अब तक 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे बुरा हाल पूर्वांचल का है। हजारों घर जमींदोज हो चुके हैं। किसानों की तैयार खड़ी धान और आलू की फसल चौपट हो रही है। लखनऊ में बारिश के चलते तीन दिन बाद स्कूल खुले हैं, जबकि अमेठी 2 अक्टूबर तक 12वीं तक के सभी स्कूल बंद करने के आदेश दिये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। साथ ही अफसरों को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में भी बारिश से राहत के आसार नहीं हैं। बाढ़ के हालातों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद का अनुरोध किया है। मौमस विभाग का कहना है कि फिलहाल रिमझिम बारिश के साथ आसमान में बादल यूं ही छाये रहेंगे। विभाग ने आने वाले दिनों में मध्य बिहार, पूर्वी बिहार, उत्तर पूर्वी बिहार एवं दक्षिण पूर्वी बिहार में बारिश होने की संभावना जताई है। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मौसम की स्थिति सामान्य हो जाएगा, मौमस विभाग ने ऐसी संभावना जताई है। शनिवार को लखनऊ में दिन की शुरुआत बूंदा-बांदी से हुई। सुबह से आसमान में काले-काले बादल छाये हैं। 30 सितंबर को राजधानी में न्यूनतम पारा 23 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है।

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अभी दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चक्रवात का प्रभाव बना हुआ है। साथ ही बंगाल की खाड़ी से आ रही पूर्वी हवा की वजह से तेज बारिश हो रही है। इसके अलावा मौसम विभाग पहले ही संभावना जता चुका है कि इस बार अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही सर्दी दस्तक दस्तक दे सकती है। जेपी गुप्ता ने बताया कि सुबह और शाम को हवा में ठंडक बढ़ गई है। अक्टूबर के पहले हफ्ते में लोगों को ठंड का एहसास होने लगेगा, जिसके चलते लोगों को स्वेटर निकालने पड़ेंगे। गौरतलब है कि अमूमन यूपी में ठंड नवंबर से शुरू होती है, जो फरवरी के आखिर तक जारी रहती है। मौसम के जानकारों का कहना है कि बीते वर्ष भले ही सर्दी देर से शुरू हुई थी, लेकिन इस बार जल्द ही ठंडक अपना अहसास कराना शुरू कर देगी।

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