Breaking News

मोदी ने अपनी पुस्तक में लिखा था ‘दलितों को सफाई कराने से आनंद मिलता है’.-राहुल गाँधी

एससी/एसटी बिल के विरोध में दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन इस  एक्ट को नौवीं सूची में डालने के लिए किया जा रहा है 

लखनऊ-नई दिल्ली : एससी/एसटी बिल के विरोध में दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन में सीपीएम के सीताराम येचुरी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हुए. इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि यदि मोदी जी के दिल में दलितों के लिए जगह थी तो दलितों की नीतियां अलग-अलग होतीं. जब वह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा था ‘दलितों को सफाई कराने से आनंद मिलता है’. आपको बता दें कि ये प्रदर्शन एससी/एसटी एक्ट को नौवीं सूची में डालने के लिए किया जा रहा है ताकि कोई इसे छेड़ न सके. कोर्ट भी नहीं.

उन्‍होंने कहा कि SC/ST एक्‍ट को मोदी जी ने रद्द होने दिया और जिस जज ने ये फैसला दिया पीएम मोदी ने उन्‍हें रिवार्ड दिया. नरेंद्र मोदी की सोच में दलित शामिल नहीं है. कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि विकास में दलितों को जगह नहीं और SC/ST ऐक्ट कांग्रेस ने दिया है. मोदी सरकार ने एक्ट बदलने दिया लेकिन हम SC-ST ऐक्ट की रक्षा करेंगे.
आपको बता दें कि लोकसभा ने छह अगस्‍त को अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2018 को मंजूरी दी गई. सरकार ने जोर दिया कि बीजेपी गठबंधन सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तीकरण के लिये काम कर रही है. लोकसभा में लगभग छह घंटे तक चली चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी . इससे पहले विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा, ‘हमने अनेक अवसरों पर स्पष्ट किया है, फिर स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम आरक्षण के पक्षधर थे, पक्षधर हैं और आगे भी रहेंगे.’ उन्होंने कहा कि चाहे हम राज्यों में सरकार में रहे हो, या केंद में अवसर मिला हो, हमने यह सुनिश्वित किया है. गहलोत ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में कार्रवाई भी शुरू कर दी है.
इस संबंध में राज्यों को परामर्श जारी किया गया है. गहलोत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में आरक्षण का विषय सामने आया तब अटल सरकार ने पांच कार्यालयीन आदेश निकालकर आरक्षण के पक्ष में अपनी प्रतिबद्धता साबित की थी. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मंत्री ने कहा कि जो हम पर विधेयक देरी से लाने का आरोप लगा रहे हैं, वे जवाब दें कि 1989 में कानून आने के बाद अब तक उसमें संशोधन करके उसे मजबूत क्यों नहीं बनाया गया . कांग्रेस पर वोट बैंक के लिये दलित वर्ग का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमारी नीति और नियत अच्छी है और हम डा. भीमराव अंबेडकर की सोच को चरितार्थ कर रहे हैं. इसलिये हम इस बार पहले से भी मजबूत प्रावधानों वाला विधेयक लाये हैं.
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि कई निर्णयों में दंड विधि शास्त्र के सिद्धांतों और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 41 से यह परिणाम निकलता है कि एक बार जब अन्वेषक अधिकारी के पास यह संदेह करने का कारण है कि कोई अपराध किया गया है तो वह अभियुक्त को गिरफ्तार कर सकता है. अन्वेषक अधिकारी से गिरफ्तार करने या गिरफ्तार न करने का यह विनिश्चय नहीं छीना जा सकता है. इस दृष्टि से लोकहित में यह उपयुक्त है कि यथास्थिति किसी अपराध के किये जाने के संबंध में प्रथम इत्तिला रिपोर्ट के पंजीकरण या किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी की बाबत किसी प्रारंभिक जांच या किसी प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के उपबंध लागू किये जाएं. विधेयक के 18क में कहा गया है कि जिसके विरूद्ध इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिये किए जाने का अभियोग लगाया गया है और इस अधिनियम या संहिता के अधीन उपबंधित प्रक्रिया से भिन्न कोई प्रक्रिया लागू नहीं होगी. इसमें कहा गया है कि किसी न्यायालय के किसी निर्णय या आदेश या निदेश के होते हुए भी संहिता की धारा 438 के उपबंध इस अधिनियम के अधीन किसी मामले पर लागू नहीं होंगे.

 

Loading...

Check Also

लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा सरकार के खिलाफ वोट कर रही है : अखिलेश यादव

राहुल यादव, लखनऊ / आगरा : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा ...