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मध्यप्रदेश के 18 जिलों में भारी वर्षा होने की चेतावनी, जानिए किस शहर का क्या है हाल

भोपाल : मध्यप्रदेश के 18 जिलों में शुक्रवार की सुबह तक अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है. राजस्थान के पूर्वी हिस्से में कुछ स्थानों पर पिछले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा राज्य के पूर्वी व पश्चिमी क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हुई. शुक्रवार को कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. केरल में निर्बाध रूप से जारी बारिश के बाद सूरज के निकलने से बाढ़ प्रभावित इलाकों में गुरुवार को कुछ राहत मिली और कई निचले इलाकों से पानी कम हो गया जिससे राज्य में स्थिति सामान्य होनी शुरू हो गई है. इस बीच प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 104 हो गई है जबकि 34 अन्य लापता हैं.

मध्यप्रदेश में भोपाल में मौसम विभाग के ड्यूटी अधिकारी आरआर त्रिपाठी ने बताया कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बृहस्पतिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शुक्रवार साढ़े आठ बजे तक मध्यप्रदेश के 18 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और कहीं-कहीं पर अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जिन 18 जिलों में अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है, उनमें आगर मालवा, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, देवास, उज्जैन, नीमच, राजगढ़, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, मुरैना, धार, अलीराजपुर, झाबुआ एवं बड़वानी शामिल हैं. मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के पूर्वी संभागीय जिलों में मानसून सक्रिय तथा पश्चिमी संभागों के जिलों में प्रबल रहा. प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा हुई.

पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के पाटन में सबसे अधिक 24 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि खुरई में 23 सेंटीमीटर, जबलपुर में 20 सेंटीमीटर, लटेरी एवं गंजबासोदा में 16-16 सेंटीमीटर, सारंगपुर, शुजालपुर, सिरोंज, कुरवाई एवं सीहोर में 14-14 सेंटीमीटर, ब्यावरा, भानपुर, आगर एवं रहली में 13-13 सेंटीमीटर तथा टोंकखुर्द, गुना, सोनकच्छ एवं गोटेगांव में 12-12 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई. प्रदेश के अधिकांश हिस्से पिछले तीन दिनों से पहले से ही भारी बारिश की चपेट में हैं, जिसके कारण कई निचले रहवासी इलाके पहले से ही जलमग्न हो गए हैं. प्रदेश के कई बांध, तालाब एवं जलाशय लबालब हो गए हैं और इनसे गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है. इसी बीच, मध्यप्रदेश जन संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश रैकवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े बांध इंदिरा सागर में बृहस्पतिवार को जलस्तर 260.40 मीटर तक पहुंच गया है, जो फुल लेवल से 1.73 मीटर कम है. इस बांध का फुल लेवल 262.13 मीटर है. खंडवा जिले में बने इस बांध की कुल क्षमता 8364 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरने की है.

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