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भावना अपनी जगह, कानून का पालन किया जाना आवश्यक: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि वह प्रत्येक नागरिक की भावना का सम्मान करता है, लेकिन कानून का पालन किया जाना आवश्यक है। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय राजधानी में तुगलकाबाद वन क्षेत्र की संरक्षित भूमि पर गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर याचिकाओं की सुनवाई के लिए सहमत हो गया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को आश्वासन दिया कि कानून के तहत जो कुछ किया जा सकता है, वह किया जाएगा। पीठ ने कहा, हम प्रत्येक व्यक्ति की भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमें कानून का पालन करना है। अदालत ने सभी पक्षों को अटॉर्नी जनरल के साथ परामर्श करने और सौहार्द्रपूर्ण तरीके से एक अच्छा समाधान निकालने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि सभी पक्ष मंदिर बनाने को लेकर एक अच्छी जमीन और स्थान के साथ आएं, तब वह आदेश पारित करेगी। हालांकि, अदालत ने इस बात को साफ किया कि मंदिर को इसलिए तोड़ा गया, क्योंकि वह वन क्षेत्र की संरक्षित भूमि में बना था और उसे वहां पुनरू नहीं बनाया जा सकता। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस. नरसिंह ने कहा कि मंदिर को स्थानांतरित किया जा सकता है और हमारी संस्कृति में जंगलों की पूजा करना कोई बाहरी बात नहीं है। शीर्ष न्यायालय के आदेशानुसार, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने 10 अगस्त को मंदिर गिरा दिया था। अदालत तुगलकाबाद वन क्षेत्र की संरक्षित भूमि में गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में हरियाणा कांग्रेस इकाई के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर की याचिका भी शामिल है।

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