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राजभर का पलटवार: मैं पिछड़ो के हक के लिए राजनीति करता हूं, हक की लड़ाई लड़ना अगर गलत है तो मैं गलती करता ही रहुंगा

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को न सुधरने पर कार्रवाई  की चेतावनी से प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछड़ों और गरीबों के हक की लड़ाई लड़ना अगर गलत है तो यह गलती मैं बार-बार करूंगा. राजभर ने बताया कि हम सत्ता सुख के लिए राजनीति नहीं करते हैं. हम पिछड़ों के हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने एससी/एसटी, मुस्लिम और सामान्य वर्ग के 24 लाख छात्रों के लिए बजट में 3,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. जबकि, 26 लाख पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए मात्र 1,085 करोड़ स्कॉलरशिप का प्रावधान किया गया है.

इसके बाद सरकार ने एससी/एसटी, मुस्लिम और जनरल के वंचित छात्रों के लिए एक पोर्टल खोला है. वंचित छात्र 16 अप्रैल से 15 मई तक पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. पिछड़े छात्रों के लिए कोई पोर्टल नहीं है. उन्होंने कहा कि वे पिछड़े वर्ग में तीन कैटेगरी- पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग, बनाकर सबको हिस्सा दिलाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि पात्रों को आवास, पेंशन, शौचालय और राशन कार्ड दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी. अगर यह लड़ाई गलत है तो वह यह गलती करते रहेंगे.

भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने रविवार(13 मई) को कहा कि गठबंधन के सहयोगियों से सामंजस्य बनाकर चलना बीजेपी की नीति रही है, लेकिन मंत्रियों को संयमित भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. पांडे ने संवाददाताओं से कहा, ‘बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी हैं. सहयोगी दलों से सहयोग और सामंजस्य बनाकर चलेंगे. विषय जेहन में हैं. व्यक्तिगत तौर पर समझाने का प्रयत्न हुआ है.  हमारी नीति रही है कि सहयोगी को वार्ता के जरिए संभाल लेंगे.’ उनसे सवाल किया गया था कि बीजेपी खुद को अनुशासित पार्टी मानती है, लेकिन प्रदेश में उसके सांसद, विधायक और मंत्री सरकार और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं और तमाम आरोप लगा रहे हैं.

पांडे ने कहा, ‘सभी सहयोगी हमारे साथ हैं. एक सज्जन आदतवश ऐसा कर रहे हैं. उनसे आग्रह है कि वे मंत्री पद का दायित्व निभाएं और संयमित भाषा का इस्तेमाल करें.’ उन्होंने कहा कि अगर वे इसी तरह बयानबाजी करते रहेंगे तो सही समय आने पर जो भी कदम उठाने की आवश्यकता होगी, पार्टी उठाएगी. उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के बयानों से विवाद उठ खड़ा हुआ है.

जब उनसे पूछा गया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश के बावजूद जो मंत्री या सांसद ग्राम स्वराज योजना के तहत चौपाल लगाने या गांव में ही रात्रि प्रवास करने नहीं गए, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी?,  तो पांडे ने कहा कि आमतौर पर जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी, सभी ने सहभागिता की. एक-दो लोग निजी कठिनाई की वजह से नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि जो लोग नहीं जा सके, उनसे बातचीत की जा रही है और हिदायत दी गई है कि अगले चरण में वे अवश्य गांवों में पहुंचकर रात्रि प्रवास करें और चौपाल लगाएं. कैराना और नूरपुर उपचुनाव में विपक्षी एकजुटता की ओर ध्यान दिलाए जाने पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दोनों ही जगहों पर बीजेपी व्यवस्थित, सुसंगठित संरचना के आधार पर चुनाव लड़ रहीहै. बीजेपी को  हर तबके का समर्थन मिल रहा है. उपचुनाव में हमारी ही जीत होगी.

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