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कठुवा रेप केस में कुर्सी गवाने वाले नेता ने दी पत्रकारों को सीमा में रहने की धमकी

लखनऊ-जम्मू: बीजेपी नेता चौधरी लाल सिंह ने कश्‍मीर में अशांति और अस्थिरता के लिए पत्रकारों को दोषी ठहराया है. उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर के पत्रकारों ने गलत माहौल बनाया है. आपको पत्रकारिता में एक सीमा खींचनी होगी ताकि भाईचारा और सौहार्द्र बना रहे और हालात सुधरें. वह कठुआ रेप व हत्‍याकांड की रिपोर्टिंग पर पत्रकारों को कोस रहे थे. पीडीपी-बीजेपी सरकार में वन मंत्री रहे चौधरी लाल सिंह को अप्रैल में इस्‍तीफा देना पड़ा था. ऐसा उन्‍हें कठुआ में आरोपी के समर्थन में निकली रैली में भाग लेने के कारण करना पड़ा. सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कठुआ रेप केस में पत्रकारों ने गलत माहौल बनाया.

उन्‍होंने कहा-‘मैं कश्‍मीरी पत्रकारों से कहना चाहूंगा कि वे अपनी पत्रकारिता में एक सीमा रेखा खींचें. क्‍या आप भी वही चाहते हैं जो बशरत के साथ हुआ. बशरत बुखारी के भाई शुजात बुखारी की ईद के दो दिन पहले कश्‍मीर में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी.

एक समाचार एजेंसी के अनुसार बशरत पीडीपी-बीजेपी सरकार में कानून मंत्री थे और शुजात राइजिंग कश्‍मीर के संपादक थे. इसलिए आपको खुद ही तय करना होगा कि कैसी जिंदगी चाहिए और अमन-शांति बनी रहे. सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ्ती की सरकार राज्य में अब तक की सबसे खराब सरकार थी और अगर उनकी पार्टी इस सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लेती तो और नुकसान उठाना पड़ता.

श्री सिंह ने कहा कि रमजान पर ‘‘एकतरफा संघर्ष विराम’’ की घोषणा ‘‘सबसे बड़ी भूल’’ थी. इससे आतंकवादियों को पुनर्गठित होने का मौका मिला और इसने सुरक्षा बलों के मनोबल को गिराया. भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल शासन लगाना उचित नहीं है. लेकिन स्थिति जब दिन ब दिन बदतर होती जा रही हो तो यही एक विकल्प बचता है. यह (पीडीपी-भाजपा गठबंधन) सरकार प्रदेश में अब तक की सबसे खराब सरकार थी.’

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