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बिहार, झारखंड और बंगाल में भाजपा ने सिर्फ एक अल्पसंख्यक को दिया टिकट, एनडीए से मात्र दो

रांची: भाजपा एक ऐसी पार्टी है जिसके लिए यह माना जाता है कि वह अल्पसंख्यकों से दूरी बनाकर रखती है. भाजपा की ओर से चुनावों में पार्टी प्रत्याशी भी अल्पसंख्यक समुदाय से कम ही बनाये जाते हैं. ऐसे में यह जानने की जरूरत है कि इस चुनाव में भाजपा अल्पसंख्यकों के कितना करीब हुई. अगर बात बिहार, झारखंड और बंगाल की हो, तो यहां से चुनिंदा अल्पसंख्यकों को ही टिकट दिया गया है. इस बार बिहार में भाजपा ने भागलपुर के सांसद शाहनवाज हुसैन का टिकट काट दिया है. एनडीए गठबंधन के तहत भागलपुर सीट जदयू के कोटे में चला गया है और पार्टी ने यहां से अजय मंडल को टिकट दिया है. बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय के मात्र एक उम्मीदवार एनडीए से हैं. किशनगंज से जदयू ने महमूद अशरफ को टिकट दिया है. बात अगर झारखंड की करें तो यहां से अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को एनडीए प्रत्याशी नहीं बनाया है.

बंगाल से एनडीए ने अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रत्याशी को टिकट दिया है. भाजपा ने जंगीपुर से महफूजा खातून को टिकट दिया है. वे एकमात्र अल्पसंख्यक उम्मीदवार हैं. महफूजा खातून हाल ही में कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं. वर्ष 2014 के चुनाव में बिहार से भाजपा ने एक ही मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था, भागलपुर से शाहनवाज हुसैन. किशनगंज से जदयू के अख्तरुल ईमान चुनाव लड़े थे. हालांकि उस चुनाव में भाजपा-जदयू अलग-अलग चुनावी मैदान में थे. झारखंड से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में नहीं था और पश्चिम बंगाल के घाटल लोकसभा सीट से भाजपा ने एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया था. घाटल से भाजपा के टिकट पर मोहम्मद आलम चुनाव लड़े थे हालांकि वे चुनाव जीत नहीं सके. किशनगंज से पिछले चुनाव में भी जदयू ने अख्तरुल ईमान को टिकट दिया था, जबकि भाजपा ने भागलपुर से शाहनवाज हुसैन को टिकट दिया और उन्होंने चुनाव जीता था.

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