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प्रदेश में पावर ट्रांसमिशन ने टैरिफ में 83 प्रतिशत बढ़ोतरी का रखा प्रस्ताव

अशाेेेक यादव, लखनऊ। पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के साल 2020-21 का एआरआर पेश करते हुए टैरिफ में 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। ट्रांसमिशन ने सोमवार को पेश एआरआर में 0.18 पैसा प्रति यूनिट को सीधे बढ़ा कर 0.33 पैसा प्रति यूनिट किए जाने का प्रस्ताव पेश किया।

इस पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ने कहा कि टैरिफ बढ़ाने से पहले ट्रांशमिशन कंपनी के 132 के वी सबस्टेशनों की क्षमता में चल रहे 2 करोड़ किलोवाट का गैप दूर करें।

पावर ट्रांसमिशन निगम लिमिटेड ने सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व आवश्यकता दाखिल किया। ट्रांसमिशन कम्पनी ने 3909 करोड़ रुपया एआरआर मांगा है।

ट्रांसमिसिन लॉस लगभग 3.50 प्रतिशत प्रस्तावित करते हुए टैरिफ 0.33 पैसा प्रति यूनिट किए जाने की मांग रखी है। उपभोक्ता परिषद ने अपनी आपत्तियां और सुझाव दाखिल कर दिये।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में ट्रांशमिशन टैरिफ लगभग 0.18 पैसा प्रतियूनिट है उसे सीधे बढ़ा कर 0.33 पैसा प्रति यूनिट किया जाना गलत है। उन्होंने कहा ट्रांसमिशन लॉसेस है 3.50 प्रतिशत वह भी ज्यादा है!

आंध्र प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान की तरह ही ट्रांशमिशन लॉसेस अनुमोदन करना जरूरी किसी भी हालत में 3.15 प्रतिशत से ज्यादा न अनुमोदित किया जाय। वर्तमान में ट्रांसमिशन का सिस्टम मिसमैच है पहले उसमें सुधारा जाए।

प्रदेश में 132 केवी सबस्टेशनों की कुल क्षमता 4 करोड़ 53 लाख किलोवाट होगा जबकि उपभोक्ताओं का कुल भार 6 करोड़ 19 लाख किलोवाट है।

सिस्टम व उपभोक्ताओं के भार के बीच लगभग 2 करोड का गैप है ऊपर से 20 प्रतिशत बिजली चोरी वह भी 1 करोड़ किलोवाट के बराबर होगी। टैरिफ बढ़ाने की बात करने से पहले इस कमी को दूर करना होगा।

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