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प्रदेश के सभी जनपदों में कर्मचारियों- शिक्षकों – पेंशनर्स ने डीएम के माध्यम से सीएम को सौंपा मांगों का ज्ञापन

 

राहुल यादव, लखनऊ।      कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति उ.प्र. एवं उससे जुड़े महासंघों, परिसंघों व संघों के जनपदीय पदाधिकारियों ने आज प्रदेश भर मे जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुये शीघ्र समाधान की मांग किया है।       राजधानी लखनऊ मे समिति से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी एवं सदस्य सरोजिनी नायडू मार्ग स्थित  कर्मचारी नेता स्व.बी.एन.सिंह प्रतिमा स्थल पर एकत्र हुये और संक्षिप्त सभा कर मागों का ज्ञापन पुलिस कमिश्नर लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री को दिया गया।इस अवसर पर राज्य  कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस.पी.सिंह प्रदेश अध्यक्ष कमलेश मिश्र,माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता डा. आर.पी.मिश्र, फील्ड फेडरेशन की प्रदेश सह- संयोजक रेनू शुक्ला, जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के महामंत्री राजेन्द्र यादव, मिनिस्टीरियल फेडरेशन के महामंत्री पुनीत त्रिपाठी, स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री चन्द्रशेखर, दैनिक वेतन संविदा श्रमिक महासंघ के महामंत्री रामभजन मौर्या, आई.सी.डी.एस.सुपरवाइजर्स एसोसिएशन की महामंत्री शशिकांता,,वाणिज्य कर मिनि.स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री जय प्रकाश मौर्य, अधीनस्थ कृषि सेवा संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रवेश कुमार,लो.नि.वि.मिनि.एसोसिएशन के अफीफ सिद्दीकी, सेवनिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन के का.महामंत्री ओ पी त्रिपाठी जिला मंत्री आर.सी.उपाध्याय, के.जी.एम.यू.के गिरीशचंद्र वर्मा सहित तमाम प्रतिनिधि , सदस्यों ने प्रतिभाग किया।    समन्वय समिति संयोजक अमरनाथ यादव द्वारा 12 मई को ज्ञापन एवं पुनः 28 मई को नोटिस मुख्यमंत्री एवं शासन के शीर्ष अधिकारियों को मेल कर सुझाव देते हुये मांग किया था कि कोविड संक्रमण मे कर्तव्य पालन के दौरान दिवंगत कर्मचारियों शिक्षकों के परिवारों को पुरानी व नई पेंशन योजना से आच्छादित का भेद किये बगैर पुलिस कर्मियों की भांति असाधारण पेंशन, न्यूनतम 1 करोड़ की आर्थिक सहायता, इलाज पर खर्च धनराशि की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति, टियर 1 खाते मे जमा धनराशि परिवार को उपलव्ध कराने और कोविड महामारी मे ड्यूटीरत सभी कर्मचारियों शिक्षकों को ‘फ्रंट लाइन वर्कर’ घोषित कर सभी सुविधाएं प्रदान की जांय।     समन्वय समिति के प्रदेश प्रवक्ता बी.एल.कुशवाहा ने कहा कि हाल के दिनों मे भारत सरकार का यह निर्णय देखने मे आया है कि निधन की दशा मे टियर 1 खाते मे जमा कर्मचारी का अंश दिया जायेगा पर राज्य सरकार का इस पर एवं लम्बित अन्य मागों पर कोई सकारात्मक रूख सामने नहीं आया है।प्रदेश प्रवक्ता बी.एल.कुशवाहा ने बताया कि  कर्मचारी शिक्षक नेताओं ने इस बात पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है कि जनवरी 2020 से फ्रीज्ड डीए-डीआर को रिलीज करने का फैसला सरकार ने अपने ही वादे के मुताविक अभी तक नहीं किया है और संशय बना हुआ है। इसी तरह सभी तरह के उपचार हेतु कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू करने के मुद्दे पर भी  सरकार उदासीन है जिससे असंतोष बढ़ रहा है जो आने वाले दिनों मे बड़े आंदोलन का कारक बनेगा। समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो समन्वय समिति की अगली बैठक मे आगे की रणनीति तय की जायेगी। 

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