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पूर्व ओलंपिक चैंपियन ली जू रुई ने अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन से संन्यास लेने की घोषणा की

पूर्व ओलंपिक चैंपियन ली जू रुई ने अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन से अपनी संन्यास की घोषणा कर दी है। ली अपने समय की शानदार खिलाड़ियों में से एक थी, उन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। रियो ओलंपिक के बाद से ही वह लागातार चोट से जूझती रहीं। ली 2010 की बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में भारतीय शटलर साइना नेहवाल और हमवतन लियू शिन को हराकर सुर्खियों में आई थी। उस समय वह मात्र 19 वर्ष की ही थी। ली जल्द ही सबसे प्रतिभावान खिलाड़ियों में से एक बनकर उभरीं। वह शीर्ष स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपना दबदबा बनाने में सफल रहीं। ओलंपिक में प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक का दावा करने से पहले उसने 2012 की ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप जीती। ली ने विश्व चैंपियनशिप 2013 और 2014 के संस्करणों में रजत पदक जीते। हालांकि वह फाइनल में थाईलैंड के रत्चानोक इंतानोन और स्पेन के कैरोलिना मारिन से क्रमशः हार गई। ली रियो ओलंपिक में प्रबल दावेदारों में से एक थी। लेकिन इसी दौरान मैच में उन्हें चोट लग गई ,इसके बावजूद वह खेलती रहीं। सेमीफाइनल में मारिन के खिलाफ मैच में उनकी चोट उभर आई और पता चला कि उनकी चोट ने क्रूसिएट लिगामेंट का रूप ले लिया है। वह मैच हार गई और एक साल से अधिक समय तक एक्शन से बाहर रही। वापसी पर, ली ने अप्रैल में लिंचसुई चाइना मास्टर्स जीता,उन्होंने यूएस ओपन और कनाडा ओपन में भी जीत दर्ज कर खिताबों की हैट्रिक भी पूरी की। हालांकि चीनी शीर्ष स्तरीय प्रतियोगिताओं में उनका फॉर्म अच्छा नहीं रहा। उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला कोरिया ओपन में खेला था जहां वह जापान के सयाका ताकाहाशी के खिलाफ अपने पहले दौर के मैच के बाद रिटायर हो गई।अपने शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर में, ली ने 14 सुपरसीरीज खिताब जीते हैं और 2013 में उन्हें बीडब्ल्यूएफ फीमेल प्लेयर ऑफ द ईयर भी चुना गया।

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