पटना : राजधानी पटना में जलजमाव से अब तक कई मोहल्लों के लोगों को राहत नहीं मिली है. शहर में जलनिकासी के साथ-साथ राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. वहीं, जलजमाव से गुस्साये दानापुर के गोला रोड टी प्वाइंट पर शनिवार को लोगों का आक्रोश फूट पड़ा है. शनिवार की सुबह लोग सड़कों पर आ गये और सड़क को जाम कर दिया. लोग इतने आक्रोशित थे कि सड़क पर टायर जला कर नारेबाजी करने लगे. इधर, राजेंद्र नगर में अब भी करीब चार फीट तक पानी है. घर और अपार्टमेंट्स के निचले फ्लैट पानी में डूबे हैं. घरों में पानी घुसने से अपने ही घरों में कैद लोगों का कहना है कि घर में रखे सामान बर्बाद हो गये हैं. सामान की बर्बादी के बाद जलनिकासी के बावजूद पटरी पर जिंदगी को लाने में काफी वक्त लग जायेगा. पीड़ित लोगों ने सरकार से मुआवजे की भी मांग की है, ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर लौट सके.
जलजमाव के पीड़ित लोगों का कहना है कि घर में पानी आने से घर में रखे उनके बेड, सोफे, टीवी, फ्रीज समेत सारे सामान बर्बाद हो चुके हैं. संप हाउस खराब होने से जलनिकासी में आ रही समस्या रू राजधानी पटना में संप हाउस के खराब होने के कारण जलनिकासी में समस्या आ रही है. पटना के तीन संप आउस में अब भी दो संप हाउस अब भी खराब हैं. बताया जाता है कि दिनकर गोलंबर के पास तकनीकी कारणों से दो संप हाउस खराब हैं. जलजमाव प्रभावित इलाकों में किया गया रसायन का छिड़काव रू जलजमाव प्रभावित मोहल्लों और इलाकों में कई दिनों से पानी का जमाव होने के कारण दुर्गंध आना शुरू हो गया है. इससे प्रभावित इलाकों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. इसलिए राजेंद्र नगर और कंकड़बाग समेत जलजमाव प्रभावित इलाकों में शनिवार को भी जमे पानी में रसायन का छिड़काव किया गया. नगर निगम के मुताबिक, जलजमाव से आ रहे दुर्गंध को दूर करने और बीमारी फैलानेवाले कीड़ों को नष्ट करने के लिए रसायन का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं, एनडीआरएफ की टीम के रवाना होने की खबरों के बीच, पटना में एनडीआएफ के अधिकारी ने बताया कि हमारी टीमें अभी तक रवाना नहीं हुई हैं. वे अब भी यहां हैं. घुटने तक पानी होने के कारण नावों का उपयोग नहीं किया जा सकता है. ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों का उपयोग सार्वजनिक करने के लिए किया जा रहा है. जुगाड़ टेक्नोलॉजी से जिंदगी को पटरी पर लाने की कवायद रू जलजमाव से प्रभावित इलाकों के लोग अस्घ्थाई नाव आदि का इस्घ्तेमाल कर रहे हैं. पटना की पाटलिपुत्रा कॉलोनी में जलजमाव के बीच आने-जाने के लिए लोगों का साधन ट्रैक्टर बना हुआ है. वहीं, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के आवास वाले मोहल्ले राजेंद्रनगर में लोगों ने वाहनों के पहियों के ट्यूब और बांस के सहारे जुगाड़ के सहारे आवागमन कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन का कहना है कि जलनिकासी के तमाम प्रयास किये जा रहे हैं.
कई इलाकों में जलस्घ्तर घटा है. इसके बावजूद अब तक पानी का निकास पूरी तरह से नहीं हो पाया है. राजधानी पटना से सटे पुनपुन में जलस्तर घटने लगा है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर था. लेकिन, शनिवार को जलस्तर में कमी देखी जा रही है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गंगा नदी का जलस्तर फतुहा में शुक्रवार को पुनपुन नदी के जलस्तर से छह इंच ऊपर है. हालांकि, धीरे-धीरे जलस्तर के नीचे आने की संभावना है. वहीं, पुनपुन में रेल गार्डर तक पानी पहुंचने के कारण पटना-गया रेल रूट पर रेल परिचालन रोक दिया गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर में कमी आने के बाद निरीक्षण कर रेल परिचालन शुरू कर दिया जायेगा.स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने किया दावा, नहीं फैलेगी महामारी, दुर्गापूजा में लगेंगे कैंप रू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने दावा किया है कि पटना में महामारी फैलने की संभावना नहीं है. दुर्गापूजा के मौके पर राजधानी के पंडालों में हेल्थ कैंप लगाये जायेंगे. राजधानी में जलमाव को लेकर खास पहल की जा रही है. प्रभावित इलाकों और मोहल्लों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. पेयजल को लेकर भी जागरूकता अभियान जारी है.