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पंज-आब एक्सप्रेस बस पर भी दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव का पड़ा असर

पंजाब: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा मार्च 2006 में शुरू की गई पंज-आब एक्सप्रेस बस पर भी दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव का असर पड़ गया है। अमृतसर-जालंधर जीटी रोड पर स्थित इंटरनेशनल बस टर्मिनल से रवाना हुई इस बस में शुक्रवार को कोई भी यात्री श्री ननकाना साहिब के दर्शन करने के लिए सवार नहीं था। कड़ी सुरक्षा के बीच बस अटारी सड़क सीमा पर पहुंची। बस में कोई भी सवारी न होने के कारण ड्राइवर नियम अनुसार वहां श्री ननकाना साहिब से आने वाली पाकिस्तान बस के यात्रियों का इंतजार करता रहा। जब पाकिस्तान से भी कोई यात्री वाघा सीमा पर नहीं पहुंचा, तो ड्राइवर निर्धारित समय में बस वापस ले आया। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस को बंद करने की धमकी दे रखी है। इसके बावजूद भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच पुल का काम करने वाले आवाजाही के सभी साधनों को बहाल रखा है।

दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार पंज-आब एक्सप्रेस बस हर मंगलवार और शुक्रवार को श्री ननकाना साहिब जाती है। पहले यह बस सीधे श्री ननकाना साहिब तक जाती थी। वाघा सीमा से इस बस की सुरक्षा पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसी करती थी। पांच साल पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा इस बस को उड़ा देने की धमकी के बाद पाकिस्तान ने इस बस को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया था। इसके बाद से यह बस भारत के यात्रियों को अटारी सड़क सीमा तक ले जाती है। वहां से यात्री पैदल पाकिस्तान की वाघा सीमा पर जाते हैं और वहां खड़ी पाकिस्तान की बस इन यात्रियों को श्री ननकाना साहिब पहुंचाती है। इस बस सेवा के फेल होने का मुख्य कारण लोगों को वीजा लेने के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। पुलिस वेरिफिकेशन की लंबी प्रक्रिया है। इस बस सेवा को चलाने का उद्देश्य गुरुद्वारा साहिबान के दर्शन करवाना और व्यापारियों को लाहौर-अमृतसर आने की सुविधा देना था।

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