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तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने का भाजपा का सपना बुरी तरह चकनाचूर: अखिलेश यादव


राहुल यादव, लखनऊ। भाजपा झूठे वादे करने के अपने स्वभाव के अनुसार पंचायत चुनावों में भी बाज नहीं आ रही है। यह हकीकत है कि गाँवों मैं अपनी ही तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने का उसका सपना बुरी तरह चकनाचूर हुआ है। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनावों में विजय हासिल करने वाले समाजवादी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को बधाई दी है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए उनसे किसी प्रकार का विजय उत्सव मनाने के बजाए अपील की है कि सभी समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता अपने स्तर से जनता की सेवा में लग जाएँ।  अखिलेश यादव ने कहा है की पंचायत चुनावों मतदाताओं की प्रथम वरीयता समाजवादी पार्टी रही है। बड़ी तादात में समाजवादी पार्टी की जीत के साफ संकेत है कि किसानों, नौजवानों और गाँव तक में उसकी स्वीकारिता है। समाजवादी पार्टी जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। जनता ने समाजवादी पार्टी को जीत दिलाकर लोकतंत्र को बचने का भी सराहनीय कार्य किया है।    


      भाजपा झूठे वादे करने के अपने स्वभाव के अनुसार पंचायत चुनावों में भी बाज नहीं आ रही है। यह हकीकत है कि गाँवों मैं अपनी ही तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने का उसका सपना बुरी तरह चकनाचूर हुआ है। उसको प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के गृहजनपदों में भी मुँह की खानी पड़ी है। वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज के अलावा आजमगढ़ से लेकर इटावा तक भाजपा की कोई चाल काम नहीं आई और तो और राज्य की राजधानी, लखनऊ में जनता ने भाजपा को नकार दिया है। लखनऊ में भी समाजवादी पार्टी को भारी सफलता मिली है। राज्य जनता बधाई की पात्र है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी पर अपना भरोसा व्यक्त किया है।      


       अखिलेश यादव ने कहा कि पंचायत चुनावों में  मतदाताओं ने सत्ता के दुरुपयोग और वोटों की हेराफेरी के भी भाजपा को हार मिली है। चार साल के भाजपा राज में जनता को धोखा ही मिला है। समाजवादी सरकार ने विकास के जो काम बढ़ाए थे, भाजपा ने द्वेषवश उन्हें बाधित किया। गतवर्ष से कोरोना का संक्रमण जारी है। भाजपा सरकार ने न तो समुचित इलाज की व्यवस्था की ना ही पलायन के शिकार श्रमिकों के रोजी रोटी की व्यवस्था की। प्रदेश बेकारी, व्यापारबंदी और शैक्षिक- स्वस्थ्य संबंधी दुर्व्यवस्थाओं से ग्रस्त है।      


       यादव ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल है। पंचायत चुनावों के नतीजों  ने भाजपा की नाव डूबने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तक को पूरे राज्य में तैनात कर भाजपा ने जीत की साजिशें रची थी पर जनता ने उसकी धौंस में नहीं आई, उसने भाजपा को करारा जवाब दिया है। भाजपा की नफरत और समाज को बांटने वाली रणनीति पश्चिम बंगाल के चुनावों में बुरी तरह पिटी है। उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनावों के नतीजों से जो संदेश मिल रहा है वह सन 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी दिशा सूचक साबित होगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा राज का सफाया निश्चित है। बस अब गिने चुने दिन ही शेष हैं, भाजपा की विदाई और समाजवादी सरकार बनने में।                           

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